अलवर जिले में 500 से ज्यादा कॉमर्शियल वाहन ऐसे हैं, जिन पर करीब 2.50 करोड़ रुपए का टैक्स और पेनल्टी राशि बकाया है। इनमें करीब 125 बड़े डिफाल्टर है। जिन पर लाखों रुपए बकाया है। इनसे टैक्स और पेनल्टी राशि की वसूली के लिए परिवहन विभाग खूब प्रयास कर चुका, इसके बावजूद भी ये लोग सरकार को टैक्स और पेनल्टी जमा नहीं करा रहे। सरकार इन डिफॉल्टरों से वसूली के लिए अब अंतिम हथियार इस्तेमाल करने जा रही है। जिसके तहत परिवहन विभाग ने इन डिफॉल्टरों की चल-अचल सम्पत्ति का रिकॉर्ड जुटाना शुरू कर दिया है। इनकी सम्पत्ति को टैक्स और पेनल्टी राशि से अटैच करते हुए कुर्की की जाएगी। इसके बाद उन्हें नीलाम कर टैक्स और पेनल्टी राशि की भरपाई की जाएगी।
खूब मौके दिए, फिर भी नहीं जमा कराई राशि
परिवहन विभाग की ओर से डिफॉल्टर वाहन मालिकों को टैक्स और जुर्माना राशि जमा कराने के लिए एमनेस्टी योजना के नाम पर खूब मौके दिए। योजना के तहत टैक्स और जुर्माना राशि जमा कराने पर वाहन को छूट भी दी गई। उनके घरों पर कई बार नोटिस भी भेजे गए, लेकिन फिर भी सैकड़ों डिफॉल्टरों ने राशि जमा नहीं कराई। -
सख्ती हुई तो वाहन गायब किए
परिवहन विभाग की ओर से बार-बार नोटिस भेजे जाने पर इन डिफॉल्टरों ने अपने वाहनों को राजस्थान की सड़कों से गायब कर दिया। ताकि परिवहन विभाग का उड़न दस्ता उन्हें नहीं पकड़ सके। ये लोग अपने वाहनों को अन्य राज्यों में अवैध खनन या क्रेशर आदि पर चला रहे हैं। ताकि परिवहन विभाग उन पर कार्रवाई न कर सके।