International Women’s Day 2022 पर काशी की साहित्यकार नीरजा माधव को मिला नारी शक्ति सम्मान
International Women’s Day की पूर्व संध्या पर काशी के साहित्य-संस्कृति की पुरोधा नीरजा माधव को नारी शक्ति पुरस्कार से नवाजा गया। नीरजा माधव एक साहित्याकर के अलावा रेडियो कलाकार भी रहीं है। महिला उत्थान से लेकर समाज के हर संवेदनशील मुद्दों पर अपनी बात बेबाकी के साथ रखती हैं।
नारी शक्ति सम्मान से नवाजी गईं काशी की साहित्यकार डॉ नीरजा माधव
वाराणसी. International Women’s Day की पूर्व संध्या पर काशी की विख्यात साहित्यकार और रेडियो कलाकार डॉ नीरजा माधव को नारी शक्ति पुरस्कार से नवाजा गया। नीरजा माधव ने महज नारी नही बल्कि समाज के हर संवेदनशील मसलों पर बड़ी बेबाकी से अपनी बातें लिखीं।
डॉ नीरजा माधव की कहानी आम भारतीय महिलाओं से थोड़ी इतर है। बचपन से ही शिक्षा के प्रति लगाव ने उन्हें गांव की माटी से दूर किया। शिक्षा पूरी कर वो अपने दम पर राजपत्रित अधिकारी बनीं। फिर लेखन से राष्ट्रीय चिंतन को नई धार दी। वो सिलसिला आज भी बदस्तूर जारी है। हालांकि जीवन के उतार-चढाव के बीच उन्होंने कभी भी हिम्मत नहीं हारीं। कठिन चुनौतियों को पार करते हुए उन्होंने अपनी लेखनी को अपनी ताकत बना लिया। अब अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर ऐसी कर्मठ, जुझारू साहित्यकार डॉ. नीरजा माधव को मिला ये पुरस्कार उनकी रचनाधर्मिता का सम्मान है।
बता दें कि डॉ. नीरजा माधव उपन्यास लेखन में विशेष दक्षता रखती हैं। उनका उपन्यास ‘अनुपमेय शंकर चीन के ग्वांगतोंग विश्वविद्यालय में हिंदी के स्नातक पाठ्यक्रम में भी शामिल है। लेखिका की इस उपलब्धि पर शहर के साहित्यकारों में खुशी की लहर है। लोगों ने उन्हें बधाइयां प्रेषित की हैं।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उन्हें यह सम्मान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिया। इस मौके पर देश भर की 28 महिलाओं को इस सम्मान से विभूषित किया गया।
बता दें कि यह पुरस्कार महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से दिया जाता है। समारोह के बाद पुरस्कृत महिलाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर उनसे मुलाकात करने गईं। यहां स्मृति ईरानी भी मौजूद थीं।
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