जानकारी के अनुसार, नवंबर का पहला सप्ताह बीतने को है और अभी तक प्रदेश में सर्दी के तेवर ढीले हैं। माना जा रहा है कि नवंबर के दूसरे पखवाड़े से प्रदेश के उत्तर पूर्वी इलाकों में सर्दी का जोर बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि प्रदेश में अब रात के तापमान में गिरावट होने लगी है, लेकिन दिन में पारा अब भी सामान्य से दो तीन डिग्री तक ज्यादा रहने के कारण मौसम का मिजाज शुष्क बना हुआ है। ऐसे में नवंबर में पड़ने वाली कड़ाके की सर्दी अब दिसंबर में शुरू होगी।
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में अभी अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री ऊपर चल रहा है। बीते 24 घंटे में भी पश्चिमी मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री या इससे ज्यादा रहा। हालांकि न्यूनतम तापमान में गिरावट होने पर सुबह शाम में गुलाबी सर्दी अब लोगों को महसूस होने लगी है।
मौसम विशेषज्ञों की मानें तो ऐसा ला निना के सक्रिय न होने के कारण है। इसके सक्रिय होने में अब भी एक सप्ताह और लगने की संभावना है। हालांकि मौसम वैज्ञानिकों ने पहले अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में ही ला निना के सक्रिय होने की संभावना जताई थी। प्रदेश में इस बार सर्दी धीमी रफ्तार से बढ़ेगी। जलवायु परिवर्तन की वजह से गर्मी, बरसात और ठंड अपने अनुमानित समय से एक माह आगे खिसक गए हैं। यानि नवंबर में पड़ने वाली सर्दी अब दिसंबर से शुरू होगी और फरवरी-मार्च तक सर्दी का दौर चलने की संभावना है।