ओटीटी पर ज्यादा है एक्सपोजर
मेरा मानना है कि ओटीटी प्लेटफॉॅर्म दर्शकों की पहुंच के मामले में असीमित है। कुछ स्ट्रीम प्लेटफॉर्म जैसे netflix aur amazon prime तो 150 से ज्यादा देशों में देखे जाते हैं। लेकिन बॉॅलीवुड फिल्मों की बात करें तो वे चुनिंदा क्षेत्रों और देशों में देखी जाती हैं। इस तरह ओटीटी कलाकारों और नए टैलेंट्स के लिए एक अच्छा प्लेटफॉर्म है। ओटीटी की बजाय फिल्मों में काम ज्यादा इत्मीनान से होता है। लेकिन फिल्मों का अपना मजा है। हां, जमाने के हिसाब से हमें भी बदलना पड़ता है। मुझे अच्छा काम करना है। ओटीटी को दर्शकों ने खूब प्यार दिया है। मुझे इस प्लेटफॉर्म से एक एक्टर के तौर पर बहुत कुछ करने को मिल रहा है। इसलिए मैं इसे लेकर उत्साहित हूं।
कॉलेज में मिली थी पहली फिल्म
फिल्मों में मेरी शुरुआत हिंदी फिल्म ‘धारिणी’ (dharini 2002) से हुई थी। जिस वक्त मुझे यह रोल ऑफर हुआ था, मैं कॉलेज में थी। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक सुशांत मिश्रा की इस फिल्म ने मुझे फिल्म की दुनिया से रूबरू करवाया। 2008 में टीवी कॉमर्शियल से मैंने अपना कॅरियर शुरू किया। एक्टिंग निखारने के लिए थिएटर जॉइन किया। अगर अच्छे थिएटर प्रोजेक्ट्स मिले तो आज भी करने को तैयार हूं। ‘फोर मोर शॉट्स’ के दोनों सीजन ने मुझे दर्शकों के बीच नई पहचान दिलाई है। लोग मुझे अच्छी अदाकारा के रूप में पहचानें, यही मेरी कोशिश है। आप अच्छा काम करें, अपना बेस्ट दें, सबकुछ आपके अपने चुनाव पर ही निर्भर करता है। वेब सीरीज के हर सीजन में कहानी अलग होती है। इसलिए हर बार की थीम और सब्जेक्ट को ध्यान में रखकर अपनी तैयारी करती हूं। आप अच्छा काम करें, अपना बेस्ट दें, आप किस सोच के साथ आए हैं, यही आपको वो बनाता है जो आप हैं। आप किस सोच के साथ आए हैं, इंडस्ट्री में हर तरह के लोग हैं, लेकिन यह उतनी ही सुरक्षित है जितना कोई और दूसरा प्रोफैशन ।