बैंकिंग सिस्टम में सुधार का हवाला पाया गया कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की शाखाएं तो अधिक हैं लेकिन उनकी गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार नहीं हो पा रहा है। ऐसे में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों व्यय को न्यूनतम करने, प्रौद्योगिकी के उपयोग को अनुकूलतम बनाने, पूंजी आधार और परिचालन क्षेत्र को बढ़ाने तथा उनके जोखिम को बढ़ाने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से इनके एकीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। तीन चरणों के एकीकरण के दौरान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की संख्या को 196 से घटा कर 43 तक ले आया गया है। अब इसके चौथे चरण की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है।
अब क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की संख्या 28 हो जाएगी वित्त मंत्रालय ने एकीकरण के चौथे चरण की जो प्रक्रिया शुरू की है उसमें क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की संख्या 43 से घट कर 28 हो जाएगी। इस प्रक्रिया के संबंध में वित्त मंत्रालय ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के प्रायोजक बैंकों के चेयरमैन, एमडी और सीईओ को सोमवार को पत्र के जरिए सूचित करते हुए 20 नवंबर तक टिप्पणी आमंत्रित की है।
इस तरह होगा एकीकरण चौथे चरण में एकीकरण की जो प्रक्रिया होगी उसमें मध्यप्रदेश के दो बैंक मध्यांचल ग्रामीण बैंक (प्रायोजक बैंक एसबीआई) और मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक (प्रायोजक बैंक बैंक आफ इंडिया) का एकीकरण होगा। इसमें प्रस्तावित विलय मध्यांचल ग्रामीण बैंक का होगा। जिसके बाद प्रदेश में मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक संचालित होगा जिसका प्रायोजक बैंक ऑफ इंडिया होगा। अन्य जिन राज्यों में बैंकों का एकीकरण होना है उनमें आंध्र प्रदेश के चार बैंकों का एकीकरण होना है। उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में तीन-तीन बैंकों का विलय होना है। बिहार, गुजरात, जम्मू कश्मीर, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उड़ीसा, राजस्थान, तेलंगाना राज्यों में दो-दो बैंकों का एकीकरण किया जाकर हर राज्य में एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक स्थापित करना है।