सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई इस अपील में सोनीपत के जयभगवान ने कहा था कि किसान आंदोलन के चलते सड़क कई महीनों से बंद है अत: सर्वोच्च न्यायालय या तो सरकार को सड़क खोलने का आदेश दे अथवा एक वैकल्पिक सड़क बनाने का आदेश दें ताकि आम लोगों का आवागमन सहजता से हो सकें।
अपील पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इस मामले में हाई कोर्ट जाना उपयुक्त होगा, वे स्थानीय हालातों के बारे में जानकारी रखते हैं और सहायता कर सकते हैं। उन्होंने अपीलार्थियों को हाई कोर्ट जाने का भी आदेश दिया जिसके बाद अपील को वापस ले लिया गया। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि हाई कोर्ट भी आम लोगों की मुलभूत सुविधाओं से जुड़ी समस्याओं को सुलझा सकते हैं।
याचिकाकर्ता जयभगवान की ओर से एडवोकेट अभिमन्यु भंडारी ने कहा कि सिंघु बॉर्डर सोनीपत के लोगों के लिए आवागमन का प्रमुख मार्ग है। किसान आंदोलन के चलते यह रास्ता बंद होने से आम लोगों के मूवमेंट के अधिकार पर रोक लग रही है। अपीलार्थी ने कहा कि हम शांतिपूर्ण आंदोलन के पक्ष में है परन्तु यह दूसरों लोगों के लिए समस्या का कारण नहीं बनना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि पिछले कई महीनों से विभिन्न किसान संगठन कृषि विधेयकों का विरोध करते हुए उन्हें पूरी तरह से रद्द कराने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन के लिए देश की राजधानी दिल्ली के चारों ओर कई जगहों पर किसानों ने धरना दे रखा है जिसकी वजह से स्थानीय लोगों के लिए समस्या हो रही हैं।