दीवारों से प्लास्टर उखड़ने लगा हैं तथा स्कूल का रसोई घर भी जर्जर हो चुका है। जर्जर भवन को देखकर हमेशा हादसे का डर बना रहता है। शिक्षा विभाग के जिमेदारों की उदासीनता के चलते बच्चे इस जर्जर भवन में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। अभिभावकों ने विभाग के अधिकारियों से स्कूल भवन की मरम्मत कराने की मांग की है।
बच्चे नहीं पहुंच रहे स्कूल
इस सरकारी स्कूल में 150 के करीब बच्चों का नामांकन है। इसमें से कई बच्चे शिक्षा ग्रहण करने स्कूल नहीं आते। यदि आते हैं तो डर के कारण कक्षा में नहीं बैठते।
बरसात में होती दिक्कतें
ग्रामीणों का कहना है कि यदि जिम्मेदारों ने समय रहते ध्यान नहीं दिया, तो यहां बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता। बरसात के मौसम में छत से पानी का रिसाव होने से कक्ष में पानी भर जाता है। इससे कई बार बारिश के दिनों में यहां अघोषित छुट्टी हो जाती है। स्कूल भवन की जर्जर स्थिति को लेकर कई बार शिकायत शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारियों को की गई, लेकिन अब तक किसी ने सुध नहीं ली है।