scriptमाउंट आबू को मिलेगी नई पहचान, 18 करोड़ की लागत से पोलो ग्राउंड का होगा कायाकल्प | Polo ground will be rejuvenated in the tourist destination Mount Abu | Patrika News
सिरोही

माउंट आबू को मिलेगी नई पहचान, 18 करोड़ की लागत से पोलो ग्राउंड का होगा कायाकल्प

पर्यटन स्थल माउंट आबू में पोलो ग्राउंड का कायाकल्प होगा। यहां राज्य का आधुनिक खेल ग्राउंड बनने से माउंट आबू को नई पहचान मिलेगी, साथ ही खिलाड़ियों को भी लाभ होगा। स्थानीय पोलो ग्राउंड को आधुनिकता का रूप देने के लिए हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से घोषणा की गई है।

सिरोहीMar 19, 2023 / 11:43 am

Kamlesh Sharma

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माउंट आबू. पर्यटन स्थल माउंट आबू में पोलो ग्राउंड का कायाकल्प होगा। यहां राज्य का आधुनिक खेल ग्राउंड बनने से माउंट आबू को नई पहचान मिलेगी, साथ ही खिलाड़ियों को भी लाभ होगा। स्थानीय पोलो ग्राउंड को आधुनिकता का रूप देने के लिए हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से घोषणा की गई है। जिससे लंबे समय से किए जा रहे प्रयासों को पंख लग जाएंगे। आगामी वित्तीय वर्ष में कार्य शुरू होने की उम्मीद है।

जानकारों की मानें तो पोलोग्राउंड में विभिन्न स्तर पर खेलों के प्रशिक्षण को लेकर खिलाडियों की देखरेख में ऐतिहासिक स्टेडियम का निर्माण होगा। जिससे अंतर्राष्ट्रीय क्षितिज पर पर्यटकों को बढ़ावा मिलेगा। जिसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से की गई बजट घोषणा के तहत 18 करोड़ की लागत से पोलो ग्राउंड को नवीनतम अमलीजामा पहनाने को शीघ्र ही कार्य आरंभ हो सकेगा।

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ऐसे रहा है पोलोग्राउंड का सफर
प्राप्त जानकारी के अनुसार तत्कालीन महाराज सवाई माधोसिंह, ए.जी.जी कर्नल जी. एच. ट्रेवर की ओर से पोलो मैदान के निर्माण का कार्य किया गया। यह 1889 में तैयार हुआ। 1891 ट्रेवर ऑवल शुरू हुआ। 1894 में यह मैदान तैयार हुआ। तब से इसका नाम ट्रेवर ऑवल रखा गया। तभी से माउंट आबू में पोलो खेलना आरंभ हुआ। 1920 से लेकर 1939 तक देश में यहां उच्चस्तरीय पोलो खेला जाने लगा। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद पोलो के स्थान पर अन्य खेलों को बढ़ावा मिला। हालांकि 2006 से 2008 तक तीन वर्ष तक एक बार फिर से पोलो खेल खेला गया। इससे पूर्व विभिन्न खेलों के प्रशिक्षण को लेकर भी प्रचलन बढ़ता गया। सन 1950 में राष्ट्रीय पुलिस प्रशिक्षण केंद्र स्थापित हुआ। जिससे फिर एक बार पोलोग्राउंड में चमक आ गई। करीब 22 साल के बाद एनपीए स्थानांतरित होने के बाद मैदान स्थानीय खिलाडियों के हवाले हो गया।

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इसी दौरान ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर आरंभ हुआ। जिसमें अपने जमाने के देश के ख्यातनाम खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद, मिलखा सिंह, माखन सिंह, शमशेर सिंह सूरी, प्रयाग सिंह समेत दर्जनों खिलाडियों ने शिविरार्थियों को प्रशिक्षण दिया। जिससे कई खिलाड़ी राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर माउंट आबू का नाम रोशन करने में कामयाब रहे। पिछले कुछ वर्षों से ग्राउंड की स्थिति बद से बदतर हो गई थी। जिसे एक नया स्वरूप प्रदान किए जाने की खबर से खेल प्रेमी उत्साहित हैं।



पोलोग्राउंड का कायाकल्प होने की योजना की जानकारी मिलते ही पुराने खिलाडियों में एक नया जोश आ गया है। युवा खिलाडियों को स्टेडियम में अपने कौशल का प्रदर्शन करते देखने का अलग ही आनंद होगा।
हरनाम सिंह साधवानी, पूर्व खिलाड़ी व कोच, माउंट आबू


18 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति मिलने से पोलोग्राउंड का नए सिरे से जो विकास कार्य होगा। उससे अंतर्राष्ट्रीय क्षितिज पर माउंट आबू का नाम रोशन होगा।
फरीद मोहम्मद, पूर्व खिलाड़ी, माउंट आबू।


लंबे समय से प्रयास चल रहा था। जिस पर मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को 18 करोड़ रूपए की घोषणा की। जिससे आधुनिक ग्राउंड मिलेगा। इसका तकमीना पूर्व में तैयार कर भेजा था। बजट मिलते ही आगे की कार्रवाई होगी। जिससे राष्ट्रीय स्तर के खेल आयोजित होंगे। पर्यटकों को बढ़ावा मिलेगा। तैयार किए गए तकमीने के अंतर्गत ग्राउंड में जो प्रकाश की व्यवस्था दर्शाई गई है। उससे डे-नाईट खेल आयोजित हो सकेंगे।
रतन देवासीए विधानसभा पूर्व मुख्य उपसचेतक


यह खेल सुविधाएं होगी, माउंट आबू को मिलेगी नई पहचान
पोलोग्राउंड को विकसित करने के बाद माउंट आबू को एक नई पहचान मिलेगी। करीब 18 करोड़ की लागत से बनने वाले स्टेडियम में खिलाड़ी विभिन्न खेलों का प्रशिक्षण ले सकेंगे। जिसके तहत क्रिकेट, बैडमिंटन कोर्ट, एथलीट ट्रेक, बॉस्केट बॉल, बॉलीबॉल, स्केटिंग रिंग, फुटबॉल, इंडोर स्वीमिंग पूल, टीटी, जिम कैफेटेरिया, पार्किंग व्यवस्था से लेकर विभिन्न खेलों में खिलाडियों को खेल मनोविज्ञान की बारीक तकनीक से प्रशिक्षित किया जाएगा।

https://youtu.be/WCDgKjrJiQU

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