पिछले कई वर्ष से अधर में लटके इस परियोजना की स्वीकृति के लिए सांसद रीती पाठक ने देवसर विधायक सुभाष वर्मा के साथ प्रमुख सचिव जल संसाधन डीपी आहूजा से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान सांसद ने प्रमुख सचिव से जिले में परियोजना की आवश्यकता से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि रिहंद माइक्रो सिंचाई परियोजना की स्थापना को लेकर प्रशासकीय स्वीकृति मिले तो संबंधित कार्ययोजना को गति दिया जा सके।
सांसद ने प्रमुख सचिव को अवगत कराया कि उनके संसदीय क्षेत्र के सिंगरौली जिले में रिहंद बांध अस्तित्व में है। जिसके कैचमेंट एरिया के आधार पर 0.70 मिलियन एकड़ फुट जल आवंटित है, इसमें से विभिन्न ताप विद्युत परियोजना व अन्य उद्योगों को 0.461 मिलियन एकड़ फुट जल आवंटित किया जा चुका है। अभी भी 0.319 मिलियन एकड़ फुट जल मात्रा शेष है। जिसका उपयोग सिंचाई के लिए किया जा सकता है। सिंचाई की सुविधा प्रस्तावित परियोजना के माध्यम से पूरी की जा सकती है।
38 हजार हेक्टेयर में हो सकेगी सिंचाई
गौरतलब है कि जिले की अधिकांश भूमि कोयला खदानों व विद्युत परियोजनाओं द्वारा अधिगृहित कर ली गई है। वर्तमान में कृषि योग्य भूमि लगभग 181 हजार हेक्टेयर है। जिसमें केवल 5 प्रतिशत भूमि के लिए सिंचाई सुविधा उपलब्ध है। कृषि भूमि की सिंचाई आवश्यकता को देखते हुए रिहंद जलाशय पर इस परियोजना को स्थापित किया जाना है। इससे लगभग 38 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि के लिए सिंचाई की सुविधा मिल जाएगी। इसमें करीब 648 करोड़ रुपए के लागत का अनुमान है।
जल्द ही जारी की जाएगी स्वीकृति
सांसद के मुताबिक प्रमुख सचिव ने जल्द ही प्रशासकीय स्वीकृति जारी किए जाने की बात कही है। प्रमुख सचिव ने सांसद को अवगत कराया है कि इसके लिए मुख्यमंत्री की ओर से भी निर्देश जारी किया जा चुका है। निर्देश के बाद स्वीकृति से संबंधित प्रक्रिया पूरी की जा रही है। गौरलतब है कि परियोजना के लिए सांसद के अलावा विधायक कुंवर सिंह टेकाम, रामलल्लू वैश्य, अमर सिंह, सुभाष वर्मा व भाजपा के जिला अध्यक्ष सिंगरौली वीरेंद्र गोयल लंबे समय से प्रयत्नशील हैं।