उन्होंने घटना की मजिस्ट्रेट जांच कराने के आदेश दिए, साथ ही तत्काल सभी फैक्ट्रियों को स्थानांतरित करने को भी कहा था। जिला प्रशासन फैक्ट्री संचालकों को डग्गा में जमीन उपलब्ध करा दी। स्थानीय लोगों के विरोध के चलते फैक्ट्रियां स्थानांतरित नहीं की जा सकीं। स्थानीय लोगों को तर्क था कि यहां भी विस्फोट हो जाएगा। मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया। इसके बाद चितरंगी में करीब सालभर पहले फैक्ट्रियों के लिए जमीन आवंटित की गई। मौजूदा वक्त में बलियरी औद्योगिक क्षेत्र में करीब दर्जनभर बारूद की फैक्ट्रियां संचालित हो रही हैं।
05 जुलाई 209 की शाम के पांच बज रहे थे। उस दिन रविवार का दिन था। सूरज डूब चुका था। रिमझिम-रिमझिम बारिश हो रही थी। मौसम सुहाना था। अचानक आइडियल एक्सप्लोसिव बारूद फैक्ट्री में तेज धमाका हुआ। धमाके से समूचा जिला मुख्यालय हिल उठा। लोग समझ पाते, इससे पहले चीख-पुकार व कोहराम मच गया। लोगों के घरों की खिड़कियां टूट गई।
देखते-देखते फैक्ट्री मलबे में तब्दील हो गई। लाशों का ढेर लग गया। जानकारी होते ही बैढऩ पुलिस व अन्य जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गये। जिला प्रशासन घटना पर पर्दा डालने की कोशिश करने लगा। देश-प्रदेश में खबर फैल गई। जिला प्रशासन व पुलिस विभाग के अधिकारी आनन-फानन में लाशों पर ही बुल्डोजर चलने के आदेश दे दिए। ताकि मृतकों की संख्या कम से कम दिखाई जा सके।
पत्रिका की खबर को आधार बनाते हुए सुको अधिवक्ता अश्वनी दुबे ने 29 मार्च को बारूद कंपनियों के खिलाफ एनजीटी में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने 31 मार्च को सुनवाई करते हुए सभी कंपनियों को नोटिस जारी किया था।
मौजूदा वक्त में रीवा गैस, बैढऩ इंजीनियरिंग, सोलर एक्सप्लोसिव, भारत एक्सप्लोसिव समेत दर्जनभर बारूद फैक्ट्रियां संचालित हैं। जिला प्रशासन ने अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की। श्रम विभाग अर्पित करेगा श्रद्धांजलि
श्रम विभाग की ओर से मली जानकारी के अनुसार, इस साल 07 या 08 जुलाई को प्लाजा स्थित शहीद स्थल पर श्रद्धांजलि दी जाएगी।
-विकास सिंह, एसडीएम