शनिवार को मकान के आसपास रहने वालों लोगों को तेज दुर्गंध आई तो उन्होंने अनहोनी की आशंका के चलते बरगंवा थाना पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने जब खाली मकान के आसपास से आ रही दुर्गंध की दिशा में कदम आगे बढ़ाए, तो सेप्टिक टैंक के पास जाकर बदबू इतनी तेज आई कि नाक पर रूमाल रखना पड़ा। जब टैंक में झांककर देखा तो उसमें चार पुरुषों की लाश पड़ी हुईं थीं। चूंकि जिस मकान में न्यू ईयर पार्टी हुई, उसके ही सेप्टिक टैंक में चार लाशें पड़ीं थीं, तो यह समझते देर नहीं लगी कि संभवत: पार्टी का अंत एक वीभत्स हत्याकांड के रूप में हुआ था। मृतकों में एक शव हरिसिंह प्रजापति के बेटे सुरेश व दूसरा करन हलवाई की बताया जा रहा है।
सुनसान जगह देख बीवी बोली..टॉयलेट जाना है गाड़ी रोको..2 दिन बाद हुआ ये
इसलिए माना जा रहा सामूहिक हत्याकांड
- मौत यदि किसी और वजह से होती तो लाशें टैंक की बजाए घर में इधर-उधर पड़ी मिलतीं, आखिर शव टैंक में कैसे पहुंचे?
- क्या पार्टी में कुछ ऐसा हुआ कि साथ वाले ही कुछ लोगेों ने चार लोगों को मौत के घाट उतारकर उनके शवों को टैंक में छुपा दिया?
- जिन लोगों की लाश टैंक में पड़ी मिलीं, उनके परिवार वालों ने पुलिस में उनकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी क्या?
- सामूहिक हत्या करने वाले ने अपने कृत्य को छुपाने के लिए ही लाशों को सेप्टिक टैंक में फेंका होगा?