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कर्ज लेकर कुवैत गए युवक की एक महीने पहले मौत, बेखबर परिजन, गांव लड़ रहा शव की जंग

सीकर. दुख व दर्द से भरी यह ग्रामीणों के अपनेपन की अनूठी दास्तां है। कुवैत में करीब एक महीने पहले काम के दौरान मशीन के नीचे दबने से शेखावाटी के युवक की मौत हो गई। जिसकी ग्रामीणों ने बुजुर्ग माता-पिता सहित परिवार को अब तक भनक नहीं लगने दी।

सीकरMay 21, 2020 / 10:48 am

Sachin

कर्ज लेकर कुवैत गए युवक की मशीन के नीचे दबने से मौत, बेखबर परिजन, गांव लड़ रहा शव की जंग

सीकर. दुख व दर्द से भरी यह ग्रामीणों के अपनेपन की अनूठी दास्तां है। कुवैत में करीब एक महीने पहले काम के दौरान मशीन के नीचे दबने से शेखावाटी के युवक की मौत हो गई। जिसकी ग्रामीणों ने बुजुर्ग माता-पिता सहित परिवार को अब तक भनक नहीं लगने दी। इसकी बजाय ग्रामीण खुद ही अपने स्तर पर उसके शव को कुवैत से मंगाने की जद्दोजहद में लगे हैं। ग्रामीण जिला प्रशासन से लेकर सांसद और विदेश मंत्रालय तक कई बार मिन्नतें कर चुके है। वहीं, मानवाधिकार आयोग में भी रिपोर्ट दी है। हालांकि मामले में अब तक कोई सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने अब एसडीएम को सामूहिक ज्ञापन देकर यह मुद्दा उठाया। जिसके बाद यह बाद उजागर हुई। नीमकाथाना के तिवाड़ी का बास गांव के भूपेश शर्मा ने बताया कि उनके पड़ोस में रहने वाले बजरंगलाल शर्मा का छोटा बेटा नवीन कुमार सितम्बर 2018 को कुवैत गया था। कुवैत की लिमाक कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करता था। 19 अप्रैल 2020 को नवीन के दोस्त मनोज केसवानी ने फोन परबताया कि हादसे में नवीन मशीन के नीचे दब गया। उसकी मौके पर मौत हो गई। अभी तक परिवार के किसी भी सदस्य को हादसे की जानकारी नहींं है।

गांव के बाहर मीटिंग करते हैं, ताकि परिजनों को पता नहीं लगे


भूपेश शर्मा ने बताया कि युवक का शव यहां लाने और मुआवजे के लिए लोग गांव के बाहर ही मीटिंग करते हैं, ताकि उसके परिजन को इस बात का पता नहीं लगे। उन्होंने नवीन के दोस्त मनोज को फोन कर किसी को हादसे के बारे नहीं बताने की बात कही। वे कंपनी से नवीन के दस्तावेज बनवाने में लग गए। उन्होंने सभी जगह पर मेल कर जल्द से जल्द शव को भारत लाने की मुहिम शुरू की है।

 

कर्जा लेकर गया था कुवैत

बजरंगलाल शर्मा के परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है। नवीन डीडवाना के एजेंट के जरिए कुवैत गया था। कुवैत जाने के लिए रुपए भी उधार लिए थे। ग्रामीण सांसद सुमेधानंद सरस्वती से भी मिल चुके हैं। अभी तक शव को भारत लाने के लिए कोई रास्ता नहीं निकल सका है। कंपनी की ओर से एनओसी मिल चुकी है। नॉन इफेक्टिव बॉडी इन कोविड का सर्टिफिकेट भी मिल चुका है।

परिजनों को कहा-नवीन क्वॉरंटाइन है…


नवीन रोजाना घर पर तीन बार वीडियो कॉल पर बात करता था। हादसे के दिन 19 अप्रैल को सुबह करीब सवा दस बजे उसने बात की थी। उसके पिता बजरंगलाल शर्मा ने कई बार फोन किए, लेकिन उसका मोबाइल स्विच ऑफ है। नवीन के दोस्त मनोज को भी कई बार फोन किया। मनोज ने भी फोन नहीं उठाया। फिर ग्रामीणों के कहने पर नवीन को कंपनी की ओर से क्वॉरंटाइन में रखने की बात कही।

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