सदर थानाधिकारी इंस्पेक्टर इंद्रराज मरोड़िया ने बताया कि एक दिसंबर को प्रकाश कुमार जाट निवासी सेवा ने रिपोर्ट दी रविवार अलसुबह करीब 4:30 बजे चाची के चिल्लाने की आवाज सुनकर वह और उसके दो भाई और मां दौड़कर गए। उन्होंने देखा कि उसके चाचा पूर्णाराम का शव सड़क के किनारे पड़ा हुआ था। चाची सुनीता देवी उसके पास बैठकर रो रही थी। शव मिलने के बाद पुलिस टीम भी मौके पर पहुंची और वहां डॉग स्क्वायड और एफएसएल टीम ने भी साक्ष्य जुटाए। प्रकाश ने अपने चाचा की हत्या होने का अंदेशा जताया था।
कमरे में खून के धब्बे व पूरे घर में झाड़ू लगी होने पर हुआ शक
पूर्णाराम का शव मिलने के बाद पुलिस ने मामले में जांच शुरू की। मृतक पूर्णाराम के शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे। ऐसे में पुलिस ने हत्या के एंगल से जांच करना शुरू किया। पुलिस ने जब आसपास और परिवार के लोगों से पूछताछ की तो सामने आया कि मृतक शराब पीने का आदि था। उसकी शराब पीने के बाद अक्सर अपनी पत्नी से कहासुनी व झगड़ा भी होता था। पुलिस जांच के दौरान सामने आया कि मृतक पूर्णाराम के कमरे में घटना के बाद साफ सफाई की गई थी। कमरा भी व्यवस्थित था। साथ ही घर के गेट तक सफाई की हुई थी। लेकिन पुलिस ने गौर से देखा तो कमरे में खून के धब्बे मिले, मकान में अलसुबह 4.30 बजे झाड़ू लगी होने पर भी पुलिस को संदेह हुआ। घर में अलसुबह या देर रात को साफ सफाई की गई। ऐसे में पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो महिला टूट गई और उसने हत्या करना कबूल कर लिया।