यूं बताया गुड व बैड टच
प्रशिक्षण में बताया कि माता- पिता का स्नेहिल स्पर्श, बच्चों को नहलाते समय मां का स्पर्श, दोस्तों व परिवार में खुशियों के पल में स्पर्श, आशीर्वाद रूप में स्पर्श, शिक्षकों का शाबासी तथा चिकित्सकों का माता- पिता की उपस्थिति में स्पर्श गुड टच है। जबकि असहज करने वाला होठों, छाती, कूल्हे व प्राइवेट पार्ट का स्पर्श बैड टच है। जिसकी जानकारी शिक्षकों व अभिभावकों को बच्चों के सामने बार- बार दोहराते रहनी चाहिए।
26 को बनेगा रिकॉर्ड
अंचल के 12 ब्लॉक की सभी स्कूलों से एक- एक शिक्षक को वर्कशॉप में प्रशिक्षण दिया गया है। अब ये शिक्षक स्कूलों में बच्चों को 26 अगस्त को गुड व बैड टच का प्रशिक्षण देंगे। कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को ये प्रशिक्षण सुबह आठ से 12 बजे तक एक साथ दिया जाकर सुरक्षित स्कूल, सुरक्षित राजस्थान अभियान के तहत अनूठा रिकॉर्ड बनाया जाएगा।
विक्रम सिंह शेखावत, कार्यवाहक एडीपीसी, समसा, सीकर।र्