सिलेंण्डर में लगी थी आग
-मकबूल लीलगर के घर में दो नवम्बर शाम सात बजे नया रसोई गैस सिलेण्डर लगाया गया था।
-पुत्रवधु नजमा ने मकान में बने चौक में चूल्हे के पास जैसे ही सिलेंडर की कैप हटाई उसमें से गैस निकलने लगी।
-देखते ही देखते आग पूरे घर में फैल गई और कई जनों को अपनी चपेट में ले लिया था।
-गंभीर रूप से झुलसे घायलों को सीकर के कल्याण अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
-हादसे के बाद मौके पर पहुंची दो दमकलों ने आग पर काबू पाया।
परिवार के पांच लोग व पड़ोसी झुलसे
गैस सिलेंडर से लगी आग में परिवार का मुखिया मकबूल लीलगर (60), पुत्रवधु नजमा ( 35), पुत्र मोबारिक (36), पोता आदिल (15 ) पड़ौस के बच्चे शारुख (10), तनवीर (10), उमर (8), तोफिक (22), शाहिल (10), रिहान (8) गुलशन बानो व एक अन्य झुलस गया था। सभी घायलों को सीकर के एसके अस्पताल में पहुंंचाया गया। गंभीर हालत में आदिल, तौफिक व नजमा आदि को जयपुर रैफर किया गया था।
पड़ोसियों ने लगा दी थी जान की बाजी
दो नवम्बर की शाम को आग से घिरे इस परिवार के बच्चों को बचाने के लिए आस-पास के लोगों ने जान की बाजी लगा दी। मोहल्ले के युवाओं ने जलती लपटों के बीच घर में प्रवेश किया और बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला।
मासूम आंखों से दूर नहीं हो रहा मंजर
हादसे के घायल अधिकतर बच्चे हैं। पड़ौस के ये बच्चे शाम के समय मकबूल के घर के बाहर चौक में खेल रहे थे। घर में आग की लपटे देखकर ये बच्चे दौडक़र अंदर गए और आग में घिर गए। दस वर्षीय शाहिल से जब घटना के बारे में पूछा गया था तो वह कुछ नहीं बोल पाया। वह अपने झुलसे हाथों पर लगी मलहम को देखने लगा। यह ही स्थिति रिहान की थी। तनवीर बोला हम तो बाहर खेल रहे थे। आग लगी तो अंदर देखने गए थे। हादसे के बाद अस्पताल में लोगों की भीड़ एकत्र हो गई। बच्चों की माताएं भी वहां दौड़ी चली आई।