इधर, तृतीय श्रेणी शिक्षकों की ओर से लगातार तबादले की मांग की जा रही है। वहीं पिछले दिनों विधानसभा में शिक्षामंत्री मदन दिलावर (Education Minister Madan Dilawar) ने कहा था कि तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले गाइडलाइन बनने के बाद ही किए जाएंगे। ऐसे में एक लाख से अधिक शिक्षकों को शिक्षा विभाग की गाइडलाइन का इंतजार है।
शारीरिक शिक्षक को लगाया रिसोर्स पर्सन
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खारापार बाड़मेर के एक शारीरिक शिक्षक की प्रतिनियुक्ति के आदेश शिक्षा निदेशालय से 22 अगस्त को जारी हुए। इसमें शिक्षक मोहित चौधरी का पदस्थापन अलवर में विशेष शिक्षा के रिसोर्स पर्सन पद पर किया गया। इस मामले में विशेष शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि विशेष शिक्षा के पदों पर भारतीय पुनर्वास परिषद की गाइडलाइन के अनुसार विशेष शिक्षकों को ही नियुक्त किया जा सकता है।
इन राज्यों के आदेश सबसे ज्यादा चर्चा में
शिक्षा विभाग के दो आदेश सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा चर्चा में रहे। एक शिक्षिका को हरियाणा भेजने के लिए एनओसी से लेकर अन्य प्रक्रिया के दस्तावेज सोशल मीडिया पर वायरल हुए। वहीं एक शिक्षिका को महाराष्ट्र में प्रतिनियुक्ति पर भेजने की शिक्षा विभाग में जमकर चर्चा है। तृतीय श्रेणी शिक्षकों के भी हुए डेपुटेशन
शिक्षा विभाग की ओर से कई तृतीय श्रेणी शिक्षकों के एक-जिले से दूसरे जिलों में भी डेपुटेशन कर दिए गए। पिछले दिनों जालोर जिले की एक शिक्षका की प्रतिनियुक्ति चौमूं में कर दी गई। वहीं कई शिक्षकों को बूंदी सहित कई जिलों में लगाया गया है।
डेपुटेशन अनुमति के बाद ही होते हैं- दिलावर
शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने कहा कि, डेपुटेशन और तबादलों पर रोक है, लेकिन कुछ गंभीर बीमारी से पीड़ित होते हैं, जिनकी परिस्थितियों को समझते हुए प्रकरण मुख्यमंत्री के पास भेजे जाते हैं। उनकी अनुमति के बाद ही किए जाते हैं।
राजस्थान शिक्षक संघ ने बताया गलत
राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश महामंत्री उपेन्द्र शर्मा ने कहा कि, तबादला हो या फिर प्रतिनियुक्ति एक नीति होनी चाहिए। स्कूलों में एक तरफ शिक्षकों की कमी है दूसरी तरफ चहेतों को दूसरे जिलों में भेजना गलत है। निदेशालय की ओर से खुद शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की जा रही है। जबकि सरकार ने खुद ने सत्ता में आते ही कहा था कि अब प्रतिनियुक्ति का खेल राजस्थान में नहीं चलेगा।