कर्मचारी चयन बोर्ड अध्यक्ष ने पत्रिका के समाचार को शेयर करते हुए लिखा है कि राजस्थान में फर्जी डिग्रियों का जमाना खत्म है। युवाओं से चयन बोर्ड अध्यक्ष ने अपील भी की है कि लालच में आकर फंस मत जाना, औरों को भी बताना।
गौरतलब है कि
राजस्थान पत्रिका के 9 नवम्बर के अंक में एक महीने में तीन साल की मनचाही डिग्री, न कॉलेज जाना न परीक्षा देना’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। एक्सपर्ट का कहना है कि प्रदेश में कई भर्तियों में जाली अंक तालिकाओं का खेल सामने आ चुका है। जब तक फर्जी अंक तालिका जारी करने वालों के खिलाफ एक्शन नहीं होगा, तब तक फर्जीवाड़ा पूरी तरह खत्म नहीं हो सकता है।
फायरमैनः 156 से ज्यादा अपात्र घोषित
फायरमैन भर्ती में भी जाली अंक तालिकाओं का बड़े स्तर पर खेल सामने आ चुका है। इस भर्ती में शामिल होने के लिए कई बेरोजगारों में जाली अंकतालिकाओं का सहारा ले लिया। इस पर चयन बोर्ड की ओर से 150 से अधिक अभ्यर्थियों को अपात्र घोषित करना पड़ा। इस मामले में प्रमाण पत्र जारी करने वाली संस्थानों की जांच जारी है।
विज्ञप्ति के साथ शुरू हो जाता है खेल
प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों से डिग्री दिलाने का खेल नई भर्तियों की घोषणा के साथ ही शुरू हो जाता है। कई कन्सलटेंट की ओर से भर्तियों का गणित बताते हुए बेरोजगारों को नए कोर्स की डिग्री दिलाने का लालच दिया जाता है।
SOG को सौंपी इन अभ्यार्थियों की सूची
प्रदेश में ऐसे सैंकड़ों बेरोजगार है जो डिग्री तो ले आए लेकिन चयन बोर्ड सहित अन्य एजेंसियों ने दस्तावेज सत्यापन में रोक दिया। इधर, जाली डिग्रियों के मामले में कर्मचारी चयन बोर्ड पिछले दो साल से लगातार एक्शन में है। चयन बोर्ड ने जाली अंक तालिकाओं के जरिये आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की सूची भी एसओजी को दी है। पीटीआइ भर्ती: सामने आ चुकी जाली अंक तालिका
कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से
पीटीआइ भर्ती में भी बड़े स्तर पर जाली अंक तालिकाओं का खेल सामने आ चुका है। चयन बोर्ड की ओर से लगभग 300 से ज्यादा अभ्यर्थियों की अंक तालिकाओं की जांच कराई गई है।
पुस्तकालयाध्यक्ष भर्तीः कई राज्य के विवि की डिग्री
प्रदेश में बोर्ड की ओर से पुस्तकालयाध्यक्ष की भी भर्ती हुई थी। इसमें भी जाली अंक तालिकाओं का मामला सामने आया था। वहीं कॉलेज शिक्षा की भर्ती के मामले में भी अभ्यर्थियों ने राजस्थान लोक सेवा आयोग को शिकायत दी है।