scriptपत्रिका पड़ताल: ‘आटा-साटा’ के फेरों के पेंच में फंसे पुलिस और नेता | Police and leaders caught in the screw of 'Aata-Sata' rounds | Patrika News
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पत्रिका पड़ताल: ‘आटा-साटा’ के फेरों के पेंच में फंसे पुलिस और नेता

फेरों से पहले बारात लौटने का मामला, भाजपा ने बनाया मुद्दा, आंदोलन की चेतावनी, धाराओं में उलझी है ‘आटा-साटा’ की शादी की जांच

सीकरJul 07, 2021 / 10:32 am

Ashish Joshi

पत्रिका पड़ताल: ‘आटा-साटा’ के फेरों के पेंच में फंसे पुलिस और नेता

पत्रिका पड़ताल: ‘आटा-साटा’ के फेरों के पेंच में फंसे पुलिस और नेता

सीकर. राजस्थान के सीकर जिला के तारपुरा गांव में सामाजिक प्रथा ‘आटा-साटा’ के फेरों के पेंच में फंसी सुभिता की शादी भाजपा के लिए अब मुद्दा बन गई है। धरने पर बैठे नौ लोगों की गिरफ्तारी के बाद मौके पर पहुंचे सांसद सुमेधानंद सरस्वती और जिलाध्यक्ष इंदिरा चौधरी ने इसे पीडि़त परिवार के साथ पलिस का अन्याय बताते हुए बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है। इस बीच पत्रिका ने पुलिस अधिकारियों से मामले की जांच पर बात की तो पुलिस भी धाराओं के पेंच में फंसी नजर आई। पुलिस की ओर से यह मामला 3/4 दहेज प्रतिषेद अधिनियम और धारा 504 के तहत दर्ज किया गया है। जिसमें गिरफ्तारी से पहले धारा 41 ए के तहत नोटिस देने का प्रावधान है। दादिया थाना पुलिस की टीम मंगलवार को बुगाला गांव भी पहुंची, लेकिन पुलिस को दूल्हा अजय और उसका पिता घर पर नहीं मिले। हालांकि आटा-साटा के तहत बुधवार को अजय के परिवार की दो बहनों की शादी बताई जा रही है। उनकी बरात अजय के दूसरे ससुराल बजावा से आएगी।
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यहां है शादियों की गुत्थम-गुत्थी
तारपुरा में फेरों से पहले बारात के लौटने के लौटने के मामले में शादियों की गुत्थम-गुत्थी है। पहले तारपुरा गांव निवासी किसान सुरजाराम जांगिड़ की बेटी सुभीता की बुगाला से तीन जुलाई को बारात आई। जो विवाद होने पर फेरों से पहले ही लौट गई। इसके बाद सुभीता के भाई पंकज की शादी बजावा गांव निवासी जिस कंचन से होनी थी, सोमवार को अजय ने उससे शादी कर ली। अब उसी कंचन के दो भाई वीरेन्द्र व जितेन्द्र बुधवार को अजय की दो बहनों को प्रियांशु व किस्मत की शादी तय बताई जा रही है।
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सत्ता के बल पर आवाज को नहीं दबाने देंगे-सांसद
सांसद सुमेधानंद सरस्वती का कहना है कि लोकतंत्र में अपनी मांग रखने के लिए थाने के बाहर धरना देना गलत नहीं है। सत्ता के बल पर न्याय के लिए उठने वाली आवाज को नहीं दबाने दिया जाएगा। इस मामले में गरीब परिवार से दहेज में गाड़ी और रुपए की मांग की गई। बाद में बारात लेकर चले गए। दुल्हन बनी युवती न्याय के लिए दो दिन तक थाने के चक्कर काटती रही। उसकी एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई। अब पुलिस के उच्चाधिकारियों को बरगलाया जा रहा है। इस मामले में न्याय नहीं मिलने पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
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हम न्याय के लिए मजबूती से लड़ेंगे-भाजपा जिलाध्यक्ष
भाजपा जिला अध्यक्ष इंदिरा चौधरी का कहना है कि पुलिस ने शांति से टेंट लगाकर बैठे पीडि़त परिवार के टेंट को उखाडकऱ उकसाने की कार्रवाई की है। इस मामले में पुलिस का संवेदनहीन चेहरा सामने आया है। स्थिति यह है कि पुलिस की ढिलाई के चलते फेरे छोडकऱ जाने वाले दूल्हे ने दूसरी शादी भी कर ली। पुलिस दोषी दूल्हे व उसके परिजनों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय पीडि़त आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। हम पीडि़त परिवार के साथ है और न्याय के लिए मजबूती से लड़ेंगे।
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दूल्हा घर से गायब, आज उसकी दो बहनों की शादी
मामला तूल पकडऩे पर मंगलवार को दादिया पुलिस आरोपी दूल्हे अजय के घर पहुंची। लेकिन पुलिस को अजय और उसके पिता महेश जांगिड़ नहीं मिले। खास बात ये भी है कि अजय ने सोमवार को बजावा गांव में जिस कंचन से शादी की थी उसके दो भाइयों की शादी बुधवार को अजय की दो बहनों से होना भी तय है।
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एसपी बोले: जांच के बाद होगी स्पष्ट, अभी कैसे हो गिरफ्तारी
‘आटे-साटे’ की शादी में वरमाला के बाद बारात का वापस लौटना भले ही एक परिवार की मान-मर्यादा का बड़ा सामाजिक मुद्दा हो, लेकिन कानून की नजर में यह मामला अभी धाराओं के फेर में उलझा है। पत्रिका ने पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप से इस मामले में गहराई से बात की तो उनका कहना है कि मामले की जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। एसपी का कहना है कि जांच में गिरफ्तारी का अपराध सामने आता है तो पुलिस तत्काल कार्रवाई करेगी, लेकिन अभी तक दर्ज मामले में आरोपी की गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं है। हालांकि आरोपी दूल्हे अजय से पूछताछ करने के लिए पुलिस टीम गई तो वह पुलिस को नहीं मिला।
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यह है मामला
3/4 दहेज प्रतिषेद अधिनियम और धारा 504 में दर्ज है। इसमें तीन परिवारों के बीच आपस में लडक़ा-लडक़ी की शादी कर संबंध करना तय हुआ है। ऐसे में सभी परिवारों की जांच की जाएगी की किस शादी में कितना दहेज दिया गया। दूसरा यह भी है कि दहेज के मामलों में सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार गिरफ्तारी से पहले धारा 41 के तहत नोटिस देकर अपना पक्ष रखने के लिए सात दिन का समय दिया जाता है। आरोपी पक्ष की ओर से सहयोग नहीं करने पर ही गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाती है। दूसरी शादी कानून की नजर में विवाहेतर संबंध की श्रेणी में आती है। इसमें पुलिस कोई मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करती। ऐसे मामलों में कार्रवाई का अधिकार न्यायालय का होता है। पुलिस का काम न्यायालय को सूचना देने का है। लेकिन मामले की सच्चाई पुलिस की जांच पूरी होने पर ही सामने आ सकेगी।

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