यादव के गुरु अशोक शुक्ल ने बताया कि श्रीराम ने निष्क्रिय तंजानिया ज्वालामुखी पर चढ़ने में मात्र चार दिन लगाए और 14 नवंबर को दोपहर 3.30 बजे पहुंच कर तिरंगा लहराया। उन्होंने बताया कि भूमध्य रेखा पर स्थित अकेला ऐसा पहाड़ है जहां पर बर्फ (स्नोफॉल) गिरती है। पर्वतारोही यादव ने अदय साहस का परिचय देते हुए यह कारनामा कर दिखाया है। पर्वतारोही यादव ने हाल ही में एवरेस्ट बेस कैंप को 6 दिन में तथा लद्दाख में स्थित जोजिला दर्रे में मचोई छोटी को नौ घंटे में पूरा किया था।
जान की परवाह नहीं की, मिली सफलता
यादव ने बताया कि कठिनाइयों से भरी इस रोमांचकारी यात्रा में शून्य डिग्री से नीचे के तापमान, कम ऑक्सीजन लेवल और कठिनाइयां वाले मौसम में शारीरिक परेशानियों से जूझते हुए, एवं कई जोखिम उठाते हुए रात के समय सबसे कठिन क्योंकि कड़ाके की ठंड और तेज हवा बड़ी चुनौती का सामना करते हुए इस मंजिल को तय किया। उन्होंने पानी बचाओ, मिट्टी बचाओ, पेड़ बचाओ का संदेश दिया।
पर्वतारोही श्रीराम यादव को श्रीमाधोपुर क्षेत्रवासियों ने आठ नवंबर को तिरंगा भेंट कर रवाना किया था। 21 नवंबर दोपहर 11 बजे पर्वतारोही श्रीराम यादव के अजीतगढ़ पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया जाएगा। ज्ञात रहे की श्रीराम ने इसी चोटी पर अहीर रेजीमेंट का झंडा भी फहराया है।