scriptकमाल! शालिनी को आंखों से नहीं देता था दिखाई, फिर भी फर्स्ट अटेंप्ट में NET में मारी बाजी, जानें Success Mantra | NET JRF 2024 Topper Amazing! Shalini could not see with her eyes, yet she cleared NET in her first attempt, know the success mantra | Patrika News
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कमाल! शालिनी को आंखों से नहीं देता था दिखाई, फिर भी फर्स्ट अटेंप्ट में NET में मारी बाजी, जानें Success Mantra

Motivational Story: शालिनी पढ़ाई के साथ खेलों में भी टॉपर है। वह पेरा एथलेटिक्स सहित कई प्रतियोगिताओं में 30 से अधिक पदक जीत चुकी है।

सीकरOct 19, 2024 / 02:37 pm

Akshita Deora

NET Result 2024: यदि मन में कुछ करने का जुनून हो तो तमाम मुसीबतों को भी मात देकर सफलता हासिल की जा सकती है। यह साबित कर दिखाया है सीकर निवासी नेत्रहीन शालिनी चौधरी ने। शालिनी ने दिव्यांगता को मात देते हुए पहले ही प्रयास में नेट परीक्षा में सफलता हासिल की है। फिलहाल शालिनी राजकीय कला महाविद्यालय सीकर में एमए अंतिम वर्ष में अध्ययनरत है।
शालिनी पढ़ाई के साथ खेलों में भी टॉपर है। वह पेरा एथलेटिक्स सहित कई प्रतियोगिताओं में 30 से अधिक पदक जीत चुकी है। शालिनी ने 10वीं में 86 और 12वीं कक्षा कला वर्ग में 96.80 फीसदी अंक हासिल किए। खास बात यह है कि कॉलेज में ब्रेल पाठ्यक्रम नहीं होने की वजह से वह सामान्य विद्यार्थियों के साथ पढ़ाई करने को मजबूर है।
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मिल चुके कई पुरस्कार


शालिनी को राज्य सरकार की ओर से कई पुरस्कार मिल चुके है। शालिनी को राज्य स्तरीय विशेष योग्यजन पुरस्कार, जिला प्रशासन की ओर से विशेष अवार्ड, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से निशक्त श्रेणी में प्रथम स्थान हासिल करने पर विशेष पुरस्कार, गार्गी पुरस्कार, इन्दिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार सहित 15 से अधिक पुरस्कार भी मिल चुके है।

कोच और शिक्षक का रोल निभा रही मां

पिपराली रोड निवासी सरोज भामू नेत्रहीन बेटी शालिनी चौधरी के लिए यह कभी विशेष शिक्षक तो कभी कोच का रोल निभाती है। बेटी को पढ़ाने के लिए जोधपुर ब्लाइंड स्कूल से ब्रेल स्लेट व जर्मन स्लेट लेकर आई और पहले खुद ब्रेल के कोडस को समझा फिर बेटी को ब्रेल लिपि में पढ़ाना शुरू किया।
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ऑपरेशन भी हुए, लेकिन नहीं आई रोशनी


सरोज ने बताया कि जब शालिनी पांच महीने की तब पता लगा कि आंखों में कुछ दिक्कत है। इस पर वर्ष 2004 में ऑखों का ऑपरेशन भी करवा लिया। लेकिन शालिनी की जिदंगी में उजाला नहीं आ सका। दिल्ली एम्स से लेकर देश के नामी नेत्र चिकित्सकों से परामर्श लिया। लेकिन सफलता नहीं मिली।

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