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सिखवाल का आरोप था कि जलधारी ने विधायक रहते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं को खूब उपेक्षित और अपमानित किया है। जिससे कार्यकर्ताओं में उन्हें टिकट दिए जाने का खास रोष है। जिसे वह प्रदेश नेतृत्व को भी दर्शा चुके हैं। बतादें कि कमल सिखवाल ने भी भाजपा से टिकट के लिए आलाकमान के सामने दावेदारी पेश की थी। लेकिन, उन्हें टिकट नहीं मिल पाया।