शेखावाटी को मिलना है 1917 क्यूसेक पानी
शेखावाटी में यमुना के पानी के लिए इसी साल 17 फरवरी को नई दिल्ली में तत्कालीन केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत, हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर व राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के बीच समझौता हुआ था। इसके तहत शेखावाटी के सीकर, चूरू,झुंझुनूं व नीमकाथाना जिले को यमुना नदी की बाढ़ का 1917 क्यूसेक पानी भूमिगत पाइप लाइनों से मिलना है। ये पानी बरसात के जुलाई से अक्टूबर महीनों में 123 दिन दिया जाना प्रस्तावित है। जिसका भंडारण कर सालभर वितरण किया जाएगा।21 साल से अटकी है डीपीआर
यमुना के पानी की डीपीआर का मामला पिछले 21 सालों से अटका है। राजस्थान ने पहली बार वर्ष 2003 में हरियाणा को डीपीआर भेजी थी। इसके बाद संशोधित डीपीआर वर्ष 2017 और फिर वर्ष 2021 में भेजी गई, लेकिन हरियाणा ने कुछ नहीं किया। इससे सबक लेते इस बार संयुक्त डीपीआर बनाने के लिए टॉस्क फोर्स बनाने का फैसला हुआ था। जो राजस्थान में 14 मार्च को गठित हो गई थी।शेखावाटी के भाजपा नेताओं का बढ़ा कद
विधानसभा व लोकसभा चुनाव परिणाम में सियासी पद खोने वाले कई भाजपा नेताओं का कद भी हरियाणा चुनाव परिणाम ने बढ़ा दिया है। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ व सीकर के पूर्व सांसद सुमेधानंद सरस्वती का नाम इनमें शुमार है। इनमें पूनिया हरियाणा चुनाव प्रभारी तो राठौड़ व सरस्वती भाजपा नेता के रूप में पड़ौसी प्रदेश में चुनाव प्रचार में जुटे थे। हरियाणा की जीत ने पूनिया की प्रतिष्ठा बढ़ाने के साथ इन दोनों नेताओं की सियासी चमक भी बढ़ा दी है।डोटासरा सहित अन्य नेताओं का नहीं चला जादू
हरियाणा चुनाव में पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा का गमछा काफी सियासी चर्चाओं में रहा। उन्होंने गमछा लहराकर हरियाणा में सियासी परिवर्तन का नारा भी दिया था, लेकिन हरियाणा में सरकार नहीं बनने से समर्थकों व कार्यकर्ताओं में मायूसी है। वहीं हरियाणा चुनाव प्रचार में चूरू सांसद के अलावा कई कांग्रेसी नेता शामिल हुए थे।इनका कहना है…
हरियाणा चुनाव परिणाम ने यमुना नहर के पानी की उम्मीद को पर लगा दिए हैं। सुजला शेखावाटी समिति अपने नहर के प्रयासों को अब फिर तेज करेगी। पूरी उम्मीद है कि सरकार के इस कार्यकाल में शेखावाटी को यमुना का पानी मिलने लगेगा।घनश्याम तिवाड़ी, राज्यसभा सांसद व संरक्षक, सुजला शेखावाटी समिति।