कस्बे के चिराणियां मोहल्ले में रहने वाले भगवानदास क्याल अपने पुत्र मोहित को सीए बनाना चाहते थे परन्तु दुर्भाग्य से 17 फरवरी 2014 को दिल्ली में अज्ञात वाहन की टक्कर से उनकी मौत हो गई। पिता भगवानदास की असामयिक मौत से मोहित पर मात्र (18) की आयु में अपनी मां और दो बहनों के भरण पोषण की जिम्मेदारी आ गई और मजबूरीवश उसने सीए बनने का सपना छोड़ परिवार के लिए नौकरी करना शुरू कर दिया ।
पिता की मृत्यु के समय राशि 14 साल की थी। परिवार की जिम्मेदारी निभाने के लिए माता बबीता क्याल ने भी स्कूल में नौकरी करना शुरू कर दिया जो कोरोना काल के बाद छोड़ दिया तथा अपनी दोनों बेटियों की पढ़ाई पर अपना पूरा ध्यान केन्द्रित कर लिया। मां मिताली हर वक्त राशी को याद दिलाती रहती थी कि उसे अपने दिवंगत पिता का सपना पूरा करना है, क्योंकि पुत्र मोहित को तो अब नौकरी करनी पड़ रही है।
राशि ने भी अपने पिता के सपने को पूरा करने में अपना सब कुछ दाव पर लगा दिया। उसने 2020 में कस्बे की धानुका गर्ल्स कालेज से बीकाम तथा सन 2023 में रूईया कॉलेज रामगढ़ से एमकाम की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पूरी की। राशि का सीए बनने के सपना पूरा करने में कस्बे के सीए मनोज शर्मा ने पूरा सहयोग किया। राशि ने अपनी आर्टिकलशिप सीए मनोज शर्मा के पास की।
बीमारी में भी नहीं हारी हिम्मत
राशि की मां बबीता क्याल ने बताया कि सीए के फाइनल के प्रथम ग्रुप के पेपर में राशि को चिकनगुनिया बुखार हो गया, फिर भी उसने परीक्षा दी और सफल हुई। सीए फाइनल ग्रुप में भी दुर्घटना में उसके बांये हाथ में फ्रेक्चर हो गया, परन्तु राशि ने हिम्मत नहीं हारी और परीक्षा दी और मात्र 23 साल में ही वह सीए बन अपने पिता के सपने को पूरा किया। राशि ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थित कमजोर होने से उसने सेल्फ स्टडी और सीए मनोज शर्मा के निर्देशन तथा दोस्तों के नोटस से परीक्षा की तैयारी की। उसने कहा कि यदि मजबूत इरादों के साथ नियमित अध्ययन किया तो सफलता निश्चित मिलती है। अपनी शिक्षा के दौरान उसने मोबाइल ओर सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी।
केवल अपनी पढ़ाई के लिए ही उसने मोबाइल का प्रयोग किया अन्यथा नहीं। शेष समय में वह अपने पास मोबाइल रखती ही नहीं थी। राशि की छोटी बहन मिताली क्याल अभी बीकाम प्रथम वर्ष की छात्रा है।