दिनभर नहीं खुलते पट
खाटूश्यामजी के लक्खी मेले 2018 में आने वाले भक्तों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने इस बार मेला अवधि को बढ़ाकर दस दिन से बारह दिन तो कर दिया है लेकिन मंदिर के पट दिनभर नहीं खुल रहे हैं। भक्तों को 24 घंटे श्याम के दीदार नहीं हो रहे हैं। बाबा श्याम को कोलकाता से आ रहे विशेष फूलों से श्रृंगारित किया जा रहा है। बंगाल से आए दो दर्जन से ज्यादा कारीगर ताजा एवं खुशबूदार ऑर्चिड, डॉल रोज, मोगरा, गेंदा, मुर्गन, स्वीट विलियम, रिंग चेरी, कारमिशन समेत रंग बिरंगे गुलाब के फूलों के साथ तुलसी दल से रोजाना मालाएं तैयार कर रहे हैं और इन्ही मालाओं से बाबा श्याम का भव्य एवं मनमोहक श्रृंगार किया जा रहा है।
अंधेरे में खाटू पहुंच रहे है पदयात्री
रात को अंधेर में भी पदयात्री खाटूश्यामजी पहुंच रहे हैं। आमेर से बाबा के दर्शन करने आए प्रमोद ने बताया कि वो रींगस से पैदल यात्रा कर खाटू पहुंचे, लेकिन रास्ते में प्रशासन की ओर से लाइट की कोई व्यवस्था नहीं किए जाने से अंधेर में उन्हे परेशानियों का सामना करना पड़ा। उनके साथ कई ओर भी पदयात्री थे।
खाटूश्यामजी में खाद्य पदार्थों के लिए नमूने
खाटूश्यामजी मेले के दौरान खाद्य वस्तुओं में मिलावट की आशंका के चलते चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग बराबर नजर बनाए हुए है। सोमवार को लगातार दूसरे दिन भी रसद विभाग की टीम ने दुकानों से कई खाद्य पदार्थों के नमूने लिए है। खाद्य निरीक्षक फूलसिंह बाजिया और रतन गोदारा ने बताया कि ओम किराणा स्टोर से मिर्च पाउडर, श्याम सेल्स एजेंसी से क्षीर कम्पनी के पनीर व अमूल कम्पनी के बटर, नवीन किराणा स्टोर से कृष्णा घी, रामनिवास मुकेश स्टोर से सोया तेल के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे है। मेले का जायजा लेने के लिए अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस हेमंत प्रियदर्शी सोमवार को रींगस आए। प्रियदर्शी ने रींगस से खाटूश्यामजी तक के मेला मार्ग व अन्य कानून व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा आवश्यक दिशा निर्देष दिए। इस दौरान पुलिस महकमे के कई आलाअधिकारी भी मौजूद रहे।
दिव्यांग अंजू चार साल से बाबा के दर पर
खाटूश्यामजी. जयपुर के विद्याधरनगर की रहने वाली दिव्यांग अंजू अग्रवाल पिछले चार से हर माह बाबा श्याम के दर पर पहुंच रही है। करीब चार साल पहले चालीस हजार वॉल्ट की बिजली लाइन की चपेट में आने से अंजू झुलस गई थी और इसके बाद उसका एक हाथ काटना पड़ा था। कुछ दिन आराम करने के बाद वो हर माह बाबा के दर पर हाजिरी देने लगी। सोमवार को अंजू पहली बार बाबा के दर पर पैदल आई। इस दौरान अंजू ने बताया कि जो आनन्द और खुशी पैदल आकर मिला वो बयां नहीं कर सकती।