सरदारशहर. बेटा-बेटी में फर्क मिटाने के लिए जिले के कुछ लोगों की ओर से शुरू की गई मुहिम रंग लाने लगी है। अब लोग बेटियों को घोड़ी पर बैठकार उनकी बिंदौरी निकालने लगे है। सोमवार को सरदारशहर तहसील के गांव सोमासर के एक सारण परिवार ने राजस्थान पत्रिका के लाडो अभियान व बेटी बचाओ अभियान से प्रेरित रुकमादेवी पत्नी स्वर्गीय मालाराम सारण ने बेटी सावित्री सारण की शादी से पहले घोड़ी पर बैठाकर डीजे के साथ बिंदौरी निकाली।
सावित्री आपणी योजना कार्यालय चूरू में कनिष्ट अभियंता के पद पर कार्यरत है जिसकी शादी मंगलवार को होगी। बेटी को बेटे के समान महत्व देने की प्रेरणा सरस्वती विद्यालय के सचिव रामाकिशन सारण ने भी दी थी। वहीशादी के निमंत्रण पत्र पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, बेटा-बेटी एक समान एवं एक कदम स्वच्छता की ओर सन्देश दिया गया है। बिन्दौरी में परिवार के नौरंगाराम, पूर्णमल, धन्नाराम, सुरजाराम, हरीराम, जोधाराम, शिव कुमार सारण सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे। जेईएन सावित्री की माने तो आज भी अधिकांश लोगों की सोच बन गई है कि बेटियां माता-पिता पर एक बोझ की तरह होती है। लेकिन अब लोगों की इस दकियानूसी सोच को बदलना होगा। यही सोचकर उसकी मां ने उसके विवाह से पहले बेटों की तरह बिन्दौरी निकाली। जो ऐसे लोगों के लिए एक सबक है।
चूरू में निकाली बिदौंरी चूरू. चांदनी चौक निवासी मेघराज भार्गव ने भी अपनी पुत्री मीनाक्षी की घोड़ी पर बैठाकर बिंदौरी निकाली। बिंदौरी चांदनी चौक से शुरू होकर मुख्य मार्गों से होते हुए धानुका धर्मशाला पहुंची। भार्गव ने बेटा-बेटी एक समान होने का परिचय दिया। बिंदौरी में परिवार के लोग शामिल हुए।