अब कक्षा एक से 12 तक की शिक्षा के लिए संचालित योजनाओं के निर्माण, क्रियान्वयन व मोनेटरिंग का काम रमसा व एसएसए के माध्यम से अलग-अलग ना होकर समसा के माध्यम से एक ही अभियान के तहत होगा। फिलहाल ये व्यवस्था वर्तमान में राज्य में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) के संचालन के लिए राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद है। इसी प्रकार सर्व शिक्षा अभियान (एसएस ए) के संचालन के लिए राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा परिषद संचालित है। राज्य में माध्यमिक शिक्षा परिषद (कक्षा 9 से 12) तथा राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा परिषद (कक्षा 1 से 8) से संबंधित योजनाओं के निर्माण, क्रियान्वयन व मोनेटरिंग का काम कर रही है।
2002 में हुआ था गठन
एसएसए का राज्य में प्रारंभिक शिक्षा के ढांचे में सुधार के लिए करीब 16 वर्ष पहले वर्ष 2002-03 में सर्व शिक्षा अभियान की गठन किया गया था। बाद में इसी की तर्ज पर माध्यमिक शिक्षा के लिए करीब नौ वर्ष पहले यानि वर्ष 2009-10 में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान रमसा का गठन किया गया था।जिन्हें अब एक किया जा रहा है।
– कक्षा एक से 12 तक की शिक्षा का संचालन एक ही कार्यकारी एजेंसी के माध्यम से होने से योजनाओं का क्रियान्वयन सही तरीके से होगा।
– शैक्षणिक सुधार के लिए लागू की जाने वाली योजनाओं पर लागत कम आएगी।
– माध्यमिक व प्रारंभिक शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों व आमजन के काम एक ही छत के नीचे हो सकेंगे।
– मानव संसाधान विकास मंत्रालय की ओर से शिक्षा के विकास के लिए पहले से अधिक बजट मिलेगा।
– अनेक पदों में कटौती होने से कर्मचारी दूसरे कामों में नियोजित किए जा सकेंगे।
-रमसा व एसएसए तथा टीचर एज्यूकेशन के एकीकरण के आदेश जारी हो चुके हैं। अब आगामी दिनों में प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा की गतिविधियों का संचालन समसा के माध्यम से होगा।
रिछपाल सिंह, एडीपीसी, सर्वशिक्षा अभियान