सीकर सदर थानाधिकारी इंद्रराज मरोड़िया ने बताया कि सुल्तान सिंह ने मामला दर्ज करवाया है। मामले के अनुसार करीब दो साल पहले उनके परिचित जयसिंह के साथ आरोपी विजयसिंह उनके घर पर आया था। आरोपी विजयसिंह ने कहा कि वह लोगों को विदेश भेजने का काम करता है। विजयसिंह ने सुल्तान सिंह से उनके सहित रिश्तेदारों के पांच पासपोर्ट ले लिए और कहा कि सात दिन बाद उसके ऑफिस आ जाए। विजयसिंह ने अपना ऑफिस जयपुर में रेलवे स्टेशन के सामने बताया।
कहा: प्रति व्यक्ति आठ लाख रुपए लगेंगे
सुल्तान सिंह रिश्तेदारों के साथ ऑफिस गए तो वहां विजयसिंह मिला। जहां उसने कहा कि वह उनको न्यूजीलैंड में एक नामी कंपनी में भेज देगा। वहां उन्हें दो लाख रुपए से कम नहीं मिलेगा। इसके बदले हर आदमी के आठ लाख रुपए लगेंगे। सुल्तान सिंह और उसके साथ अन्य चारों लोग विदेश जाने के लिए तैयार हो गए। एक बार सभी लोग गांव आ गए और फिर चार दिन बाद आरोपी विजयसिंह ने सभी को मेडिकल करवाने के लिए बुलवाया।जयपुर में मेडिकल में फिट होने के बाद सुल्तान सिंह सहित पांचों लोगों ने डेढ़-डेढ़ लाख रुपए दे दिए। विजयसिंह ने सुल्तान सिंह सहित पांचों के न्यूजीलैंड की कंपनी कीवी फ्रूटी के ऑफर लेटर पर साइन करवा लिए।
रुपए लेकर बोला टिकट कैंसिल हो गया
आरोपी विजय सिंह ने कहा कि अब ढाई-ढाई लाख रुपए और दे दीजिए। ऐसे में सभी ने 2.50 लाख रुपए दे दिए। इसके बाद विजयसिंह ने चेन्नई में मेडिकल करवाने को कहा। जहां विजयसिंह ने ससिदा नाम के युवक को 30 हजार रुपए दिलवाए। उसने 30 दिन में टिकट आने की बात कही। 30 दिन बाद विजयसिंह ने मोबाइल पर टिकट भेज दी। फिर सभी से 2.50 लाख रुपए और ले लिए। जब टिकट का समय आया तो सुल्तान सिंह अपने बाकी रिश्तेदारों के साथ दिल्ली जाने लगा। विजयसिंह ने कहा कि उनकी टिकट कैंसिल हो चुकी है और वह दोबारा टिकट बनवा देगा। आरोपी विजयसिंह ने कई बार इसी तरह मोबाइल पर टिकट भेजकर बाद में उसके कैंसिल होने के बहाने किए। अब उसने फोन उठाना भी बंद कर दिया। विजयसिंह का जयपुर वाला ऑफिस भी बंद है। पीड़ित सुल्तान सिंह और अन्य पीड़ित विजयसिंह के घर पर जाते हैं तो उसके घर वाले धमकी देते हैं।