scriptसरकारी दावों में उलझा खेल स्कूल और विश्वविद्यालय, कैसे जीतेंगे हमारे खिलाड़ी तमगा | First sports school and then university away from Shekhawati | Patrika News
सीकर

सरकारी दावों में उलझा खेल स्कूल और विश्वविद्यालय, कैसे जीतेंगे हमारे खिलाड़ी तमगा

प्रदेश को सबसे ज्यादा अर्जुन पुरस्कार खिलाड़ी देने वाली शेखावाटी में 12 साल से बंद खेल स्कूलप्रदेश की दूसरी एकेडमी में जाने पर मजबूर खिलाड़ी

सीकरApr 17, 2023 / 12:47 pm

Ajay

सरकारी दावों में उलझा खेल स्कूल और विश्वविद्यालय, कैसे जीतेंगे हमारे खिलाड़ी तमगा

शेखावाटी से पहले खेल स्कूल और फिर विवि हुआ दूर

प्रदेश को नौकायन व पेरा जैसे खेलों में तमगा दिलाने वाले शेखावाटी के खिलाडि़यों का खेल स्कूल और खेल विश्वविद्यालय सपना सरकारी दावे-वादों में उलझा हुआ है। लगभग 12 साल पहले खुले प्रदेश के पहले स्पोट्र्स स्कूल पर सियासी दावों के बीच ताला लगा दिया गया। अब सीकर, चूरू व झुंझुनूं जिले के युवाओं को खेलों में कॅरियर बनाने के लिए दूसरे जिलों में जाना पड़ रहा है। पिछले चुनाव के समय कांग्रेस ने युवाओं को फिर से स्पोट्र्स स्कूल का सपना दिखाया गया। लेकिन अभी तक राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद के पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। हालांकि सीकर जिले में दो खेल एकेडमी की घोषणा जरूर हुई है। युवाओं का कहना है कि एक तरफ राज्य सरकार ने खेल कोटे में सीधे नौकरी देने का प्रावधान कर दिया। दूसरी तरफ खेल स्कूलों को मंजूरी नहीं दी जा रही है। ऐसे में कैसे खिलाडिय़ों का देश व प्रदेश के लिए तमगा जीतने का सपना पूरा होगा। जबकि अर्जुन पुरस्कार हासिल करने में भी यहां के खिलाड़ी प्रदेश के अन्य क्षेत्र के खिलाडि़यों पर भारी है।

खेल स्कूल: पढ़़ाई के साथ खेलों की सुविधा
भाजपा सरकार ने नेछवा स्थित कोठ्यारी स्कूल से स्पोट्र्स स्कूल संचालित किया था। यहां खिलाडिय़ों को निशुल्क प्रशिक्षण के साथ छात्रावास की सुविधा मुहैया कराई गई। इस दौरान स्कूल प्रबंधन ने सरकार को लीज पर जमीन देने की भी घोषणा की थी। लेकिन सरकार ने फिर भी हाथ वापस खीच लिए।

खेल विवि: झुंझुनूं में दिखाया सपना
कांग्रेस सरकार ने पिछले कार्यकाल में झुंझुनूं में खेल विश्वविद्यालय का सपना शेखावाटी के लोगों को दिखाया था। वर्ष 2011-12 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी बजट घोषणा में झुंझुनूं में पीपीपी मोड पर खेल विवि की घोषणा की। इसके बाद कुछ एजेंसियां यहां खेल विवि चलाने के लिए आई। लेकिन सरकार व एजेंसियों के बीच कुछ शर्तों को लेकर मामला अटक गया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि अब खेल विवि पीपीपी मोड पर नहीं सरकार अपने स्तर पर चलाएगी। फिर मामला ढीला पड़ गया। विवि के लिए दोरासर गांव में जमीन का आवंटन किया था। झुंझुनूं जिले के लोगों की ओर से लगातार इसकी मांग की जा रही है। भाजपा ने भी यहां राष्ट्रीय स्तर का खेल स्थान बनाने का दावा किया था। लेकिन वह मामला भी अटक गया।

पड़ताल: विवि के लिए लगाए थे दो कुलपति
सरकार ने जुलाई 2013 में डॉ. शैलेन्द्र कुमार सिन्हा को प्रथम कुलपति नियुक्त किया, मगर वे नहीं आए। करीब एक माह बाद फिर डॉ. एलएस राणावत को नया कुलपति बनाया गया। उन्होंने करीब 21 माह तक वेतन उठाया। यह विवि जयपुर स्थित एसएमएस स्टेडियम के एक कमरे में चला।

इन खेलों में हम सभी पर भारी
01. बास्केबॉल
बास्केबॉल का सीकर लंबे अर्से से गढ़ है। खिलाडिय़ों ने पूरे देश में मान बढ़ाया है। ऐसे में यहां एसके स्कूल की एकेडमी के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के लिए एक अन्य एकेडमी की मांग की जा रही है। यदि यह एकेडमी सीकर को मिलती है तो जिले के एक हजार से अधिक खिलाडिय़ों को फायदा मिल सकता है।

02. एथलेटिक्स व हॉकी
एथलेटिक्स भी हमारे खिलाडिय़ों ने खूब तमगे जीते है। एथलेटिक्स खिलाडिय़ों की ओर से फिलहाल निजी संगठनों की ओर से अभ्यास कराया जा रहा है। वहीं सांवली रोड स्थित खेल स्टेडियम में कई खेलों के मैदान नहीं है और कई खेलों के कोच नहीं है।

एक्सपर्ट व्यू…कांग्रेस ने किया खिलाडि़यों से धोखा
कांग्रेस ने खिलाडि़यों से भी धोखा किया है। शेखावाटी में खेल स्कूल को दुबारा से शुरू करने की बात पिछले चुनाव में कही थी। लेकिन अभी तक खिलाडि़यों को इंतजार है। झुंझुनूं में प्रस्तावित खेल विश्वविद्यालय भी दस सालों से अटका हुआ है। जबकि शेखावाटी ने प्रदेश को कई नामी खिलाड़ी दिए है। इसी तरह आऊट ऑफ टर्न व खेल कोटे में नौकरी देने के नाम पर मजाक हो रहा है।
अरविन्द भूकर, जिला मंत्री, भाजपा

Hindi News / Sikar / सरकारी दावों में उलझा खेल स्कूल और विश्वविद्यालय, कैसे जीतेंगे हमारे खिलाड़ी तमगा

ट्रेंडिंग वीडियो