पुलिस ने पुराना मामला निकाल कर युवक की तलाश शुरू की। जब वह गायब हुआ था, तब वह नाबालिग था। युवक ट्रक, टेक्सी गाड़ी चलाकर अपना गुजर-बसर कर रहा था। अब युवक मां के साथ रहने को तैयार हो गया है। पिता सिलाई का काम करते हैं। 15 साल पहले लापता हुए युवक को ढूंढने में हेड कांस्टेबल दुर्गाराम, कांस्टेबल दलीप और शंकर ने युवक को श्रीगंगानगर से दस्तयाब किया है।
नाबालिग विजयसिंह ननिहाल नहीं गया और सीकर रेलवे स्टेशन से ट्रेन में बैठकर श्रीगंगानगर तथा वहां भटिंडा चला गया। भटिंडा में विजय कभी होटल-ढाबे पर तो कही ट्रक पर खलासी का काम करने लग गया। वहां से श्रीगंगानगर के युवक से संपर्क हुआ तो लोडिंग ट्रक में श्रीगंगानगर आ गया। वह वहां पिकअप, ट्रक में खलासी का काम करने लगा। श्रीगंगानगर में किन्नू के ट्रक चलाने लग गया। कोतवाली थाना पुलिस विजयसिंह के परिवार के पास गई और उसकी पहचान पूछी व पुरानी फोटो ली। परिवार ने बताया कि ननिहाल में चारा काटने वाली मशीन से विजय की अंगुली कटी गई थी। अंगुली नहीं से नहीं जुड़ी व टेडी रह गई थी। वहीं उसके पैरों पर निशान था। युवक के मामा से उसकी पहचान करवाई। मामा उसे अंगुली देखकर पहचान गया था।
पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद किया दस्तयाब
कोतवाली थाना पुलिस ने ट्रक वालों से संपर्क किया। दो तीन बार श्रीगंगानगर गए। हुलिए के लिए परिवार को भी साथ लेकर गए थे। कुछ पता चलने पर युवक के मामा को साथ लेकर गए। युवक विजय ने कहा कि वह श्रीगंगानगर का ही रहने वाला है और खुद का नाम सोनू सिंह व पिता का नाम नत्थूसिंह बताया। पुलिस द्वारा जन्म स्थान पूछने पर युवक ने बताया कि उसका असली नाम विजय सिंह है और जन्म स्थान सीकर होना बताया। विजयसिंह पंजाब व श्रीगंगानर की पंजाबी भाषा बोलता है।