प्राथमिक जिला शिक्षा अधिकारी जगदीश यादव ने बताया कि सॉफ्टवेयर की तकनीक शुरू होने से पहले जांच टीम को मौके पर भिजवाकर पोषाहार की गुणवत्ता परखी जा रही है।इसके अलावा संस्था प्रधानों को बच्चों को पोषाहार देने के बाद कितने बच्चों ने उपस्थित होकर पोषाहार लिया, इसकी जानकारी प्रतिदिन एसएमएस के माध्यम से भिजवाने के निर्देश जारी किए गए हैं। हालांकि एसएमएस के जरिए कई संस्था प्रधानों ने जानकारी देना शुरू कर दिया है। लेकिन, जिन स्कूलों से यह मैसेज नहीं भिजवाए जा रहे हैं। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
पकड़ में आ चुके हैं मामले
शिक्षा विभाग व प्रशासन की ओर से सरकारी स्कूलों के निरीक्षण के दौरान पोषाहार की कम गुणवत्ता व सही पका हुआ नहीं होने के कई मामले सामने आ चुके हैं। पोषाहार के स्वाद को लेकर भी कई बार बच्चों द्वारा आरोप लगाए गए हैं।
फर्जीवाड़े की नहीं रहेगी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी के अनुसार इससे फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा और पोषाहार वितरण में पारदर्शिता बनी रहेगी। पोषाहार के दौरान बच्चों को दी जाने वाली पौष्टिक कैलोरी का भी पता लगाया जा सकेगा। इधर, एसएमएस भिजवाने के लिए विभाग 30 रुपए प्रतिमाह अतिरिक्त भुगतान भी करेगा।