मामले के अनुसार विद्यालय को आवंटित खेल मैदान की चार दिवारी के लिए मुख्यमंत्री बजट घोषणा 2023 में 28 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई थी। इस पर मैसर्स सिद्धार्थ कंस्ट्रक्शन कंपनी को टेंडर जारी कर दिया गया। विद्यालय स्तर पर चारदिवारी निर्माण कार्य के लिए छह सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया गया। आरोप है कि कमेटी को भी निर्माण के बारे में संवेदक ने कोई जानकारी नहीं दी तथा मनमाने तरीके से बिना सीमाज्ञान ही चारदिवारी का निर्माण शुरू कर दिया गया। प्रधानाचार्य ने निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए है।
मनमर्जी से बन रही चारदिवारी
प्रधानाचार्य ने परियोजना समन्वयक को भेजे पत्र में बताया कि 14 जुलाई को कार्यादेश के बाद भी संवदेक ने काम समय पर चालू नहीं किया। उसके बाद अचानक बिना स्कूल कमेटी को जानकारी दिए काम शुरू कर दिया गया। खेल मैदान की सही सीमा पर चारदिवारी का निर्माण नहीं किया जा रहा है। प्रधानाचार्य का आरोप है कि खेल मैदान क़ी मिट्टी को दूसरी जगह डाला जा रहा है तथा कमेटी की जानकारी के बिना मिट्टी को बेचा जा रहा है।
उपखंड प्रशासन को दिया आवेदन
इधर ्स्कूल के प्रधानाचार्य ने तहसीलदार को पत्र भेजकर खेल मैदान के सीमांकन की मांग की है। इस मामले में तहसीलदार नारायण राम दैया ने बताया कि मंगलवार को राजस्व बैठक होने के कारण सीमाज्ञान नहीं हो सका था। बुधवार को कर्मचारी भेजकर सीमा ज्ञान करवा दिया गया है।