मुख्यमंत्री ने इस दौरान कुंभाराम लिफ्ट परियोजना के तहत आठ हजार करोड़ से खंडेला सहित छह विधानसभाओं में पानी पहुंचाने व जल जीवन मिशन में आमजन का दस फीसदी हिस्सा भी राज्य सरकार द्वारा वहन कर पानी की परेशानी दूर करने की बात कही। भविष्य में पानी के साथ बिजली में भी प्रदेश के आत्मनिर्भर होने का दावा किया। स्वास्थ्य के क्षेत्र में राइट टू हेल्थ कानून को खाद्य सुरक्षा, सूचना का अधिकार व मनरेगा के बाद कांग्रेस का चौथा महत्वपूर्ण कानून बताया। ओपीएस को स्थाई बताने के साथ सरकार की अन्य योजनाओं का भी जिक्र किया।
शेखावाटी सैनिकों व उद्योगपतियों का क्षेत्र
सीएम गहलोत ने शेखावाटी के सैनिकों व उद्योगपतियों को भी सराहा। उन्होंने कहा कि शेखावाटी का नाम देश के उद्योगपतियों के लिए जाना जाता है। जमनालाल बजाज महात्मा गांधी के साथी व कांग्रेस के कोषाध्यक्ष थे। बिड़ला, गोयनका, पोद्दार सरीखे कई घराने भी देश की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभा रहे हैं। देश की रक्षा में भी सबसे शेखावाटी के सैनिक सबसे ज्यादा है। बोले, ऐसे प्रदेश का सीएम होने का गर्व है जहां के लोग देश के लिए प्राण न्योछावर के लिए तैयार रहते हैं।
सीएम का केंद्र पर निशाना
1. अग्निवीर योजना समझ से परे हैं। 18 साल का जवान 22 साल में रिटायर हो जाएगा तो क्या करेगा। ऊपर से पीएम धमकी और देते हैं।
2. काले कानून बनाने से पहले केंद्र सरकार किसानों, कृषि मंडियों या राज्य सरकारों से पूछ लेती तो आंदोलन व 600 किसानों की मौतें नहीं होती।
3. उज्जवला योजना में भी मोदी सरकार एक हजार रुपए का सिलेंडर दे रही थी। हमने उसे 500 रुपए में देना शुरू किया।
4. पीएम मोदी कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं। चाइना व रशिया की तरह एक पार्टी की सरकार बना लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं।
5. पीएम कहते हैं कि कांग्रेस ने 70 साल में कुछ नहीं किया। जबकि कांग्रेस ने उस लोकतंत्र को बनाए रखा, जिसकी वजह से वे प्रधानमंत्री बन सके।
खंडेला ने किया टिकट काटने का जिक्र, रंधावा ने कहा अब नहीं होगी गलती
खंडेला विधायक व किसान आयोग अध्यक्ष महादेवसिंह खंडेला ने क्षेत्र में सरकार के विकास कार्यों के बारे में बताया। खुद को मुख्यमंत्री गहलोत का फैन बताते हुए कांग्रेस से अपने संबंध का जिक्र करते हुए पिछले चुनाव सहित दो बार अपने टिकट काटे जाने का भी जिक्र किया।जिसके बाद प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अपने संबोधन में सिंह के टिकट काटे जाने पर दुख जताया। आश्वासन भी दिया कि इस बार ऐसा नहीं होगा। उनके इस बयान को आगामी चुनाव में महादेव सिंह या उनके बेटे गिरिराज सिंह के टिकट मिलने की संभावना के रूप में देखा जा रहा है।