चूरू में एसपी रहते हुए राहुल बारहठ ने अपने काम और व्यवहार से सबका दिल जीता और जाते-जाते सबका दिल गार्डन-गार्डन भी कर गए। तभी तो पूरा पुलिस महकमा उनकी विदाई में जमकर नाचा। सबने उनको खुशी-खुशी से विदा किया। चूरू जिले के किसी भी ऐसी विदाई इतनी शानदार नहीं रही।
एसपी बारहठ का चूरू से तबादला होने पर पुलिसकर्मियों ने उन्हें घोड़े पर बैठाकर जुलूस निकाला और डीजे पर जमकर नाचे। न केवल पुरुष बल्कि महिला पुलिसकर्मी भी नाचने में पीछे नहीं रही। साफा बांधे और गले में माला डाले बैठे एसपी राहुल बारहठ और डीजे की धुन पर नाचते पुलिसकर्मियों को देख एक बारगी तो चूरूवासियों को किसी बारात सी लगी, मगर बाद हकीकत जान हर कोई अचम्भित हो गया।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2007 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी चूरू पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट को स्थानांतरित कर जयपुर पुलिस उपायुक्त (पूर्व) के पद पर भेजा गया है। घोड़े पर सवार यूनिफार्म में मालाओं से लदे एसपी ने सिर पर साफा बांधा हुआ था। महिला और पुरुष पुलिस कर्मी घोड़े के आगे चल रही विशेष रूप से सजी वैन जिसमें संगीत का सिस्टम लगा हुआ था के संगीत की धुन पर नाच रहे थे। जुलूस पुलिस लाइन से शुरू हुआ और पुलिस अधीक्षक के निवास स्थान पर जाकर खत्म हुआ।
चूरू एसपी राहुल बारहठ ने बताया कि उनके सेवाकाल का सबसे अच्छा कार्यकाल चूरू पुलिस अधीक्षक के दौरान का रहा है। वे यहां तीन साल रहे। बारहठ के कार्यकाल में ही चूरू जिले के रतनगढ़ के गांव मालासर में कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर करने में राजस्थान पुलिस को सफलता हाथ लगी।