आरोप है कि निदेशालय द्वारा 26 नवंबर को इस संबंध में पत्र जारी होने के बाद भी संस्था प्रधान व कोच ने छात्रा को इसकी जानकारी नहीं दी। छात्रा को अन्य विद्यार्थियों से इसका पता चला तो 28 नवंबर को संस्था प्रधान ने उसे प्रतियोगिता में जाने की बात कहते हुए जन्म प्रमाण पत्र तैयार करवाने को कहा। जिसे बनवाने के बाद जब वे 30 नवंबर को स्कूल पहुंचे तो संस्था प्रधान ने उन्हें चिकित्सा प्रमाण पत्र बनाने को कहा। इसको बनवाने के बाद हर्षिता अपने स्तर पर जीजा नरेशपाल के साथ निजी वाहन से पहुंची तो उसे शिविर से बाहर कर दिया गया। देवी सिंह ने आरोप लगाया कि संस्था प्रधान व कोच ने अपने परिचित का प्रतियोगिता में चयन नहीं होने पर जानबूझकर छात्रा को प्रतियोगिता में भेजने में देरी की है। निष्पक्ष जांच के साथ उन्होंने छात्रा को प्रतियोगिता में शामिल करवाने की मांग भी की है।
इनका कहना है
भाई भतीजावाद का आरोप गलत है। स्कूल की एक छात्रा हरियाणा में पहले से राष्ट्रीय प्रतियोगिता खेल रही है। हर्षिता भी जाती तो स्कूल के साथ मेरा मान भी बढ़ता। बार-बार फोन करने के बाद भी वह स्कूल में उपस्थित ही नहीं हुई। स्कूल आकर पूरे मामले की जांच की जा सकती है। दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
-सुशीला बगड़िया, प्रधानाचार्य, शहीद दीपचंद वर्मा उमावि, बावड़ी
अभी तक कोई जानकारी नहीं
इस मामले में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है। यदि ऐसा कोई मामला है तो उसकी जांच करवाई जाएगी।
-सीमा चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी (खेल), सीकर