कामिका एकादशी: 4 अगस्त बुधवार को कामिका एकादशी व्रत रखा जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है।
प्रदोष व्रत: श्रावण माह का पहला प्रदोष व्रत 5 अगस्त बृहस्पतिवार को है। मान्यता के अनुसार प्रदोष व्रत भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए रखा जाता है। व्रत प्रत्येक माह की त्रयोदशी के दिन रखा जाता है।
मासिक शिवरात्रि: सावन माह की मासिक शिवरात्रि 6 अगस्त को है। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का तो महत्व माना ही जाता है, लेकिन हर माह पडऩे वाली शिवरात्रि भी बहुत महत्व रखती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है।
हरियाली अमावस्या: हरियाली अमावस्या 8 अगस्त रविवार के दिन है। अमावस्या तिथि पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए कर्मकांड किया जाता है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान किया जाता है।
हरतालिका तीज: हरियाली तीज 11 अगस्त बुधवार को मनायी जाएगी। इसमें महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। हर साल हरियाली तीज श्रावण शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनायी जाती है
नाग पंचमी: नाग पंचमी पर्व 13 अगस्त शुक्रवार को है। हर साल नाग पंचमी का पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाया जाता है। नाग देवता पूजा का विधान है।
विनायक चतुर्थी: विनायक चतुर्थी 12 अगस्त को है। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से जातकों को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
मासिक दुर्गाष्टमी: सावन में मासिक दुर्गाष्टमी 15 अगस्त को है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखा जाता है। विधि-विधान से मां की पूजा-अर्चना की जाती है। मां की कृपा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
तुलसीदास जयन्ती: तुलसीदास जयंती 15 अगस्त रविवार को है। हर साल श्रावण माह शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को तुलसी दास जयंती मनाई जाती है। तुलसीदास का जन्म संवत 1589 में उत्तर प्रदेश के वर्तमान बांदा जनपद के राजापुर नामक गांव में हुआ था।
स्कन्द षष्ठी: सावन माह में स्कंद षष्ठी व्रत 13 अगस्त को है। स्कंद षष्ठी व्रत हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी के दिन रखा जाता है। यह व्रत भगवान कार्तिकेय के लिए रखा जाता है। स्कंद षष्ठी व्रत मुख्य रूप से दक्षिण भारत के राज्यों में लोकप्रिय है। भगवान कार्तिकेय भगवान शिव और माता पार्वती के बड़े पुत्र हैं।
सिंह संक्रान्ति: सिंह संक्रांति 17 अगस्त मंगलवार को है। इस दिन सूर्य ग्रह कर्क राशि से सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। सिंह सूर्य देव की राशि है। इस राशि में सूर्य ग्रह उच्च के होते हैं। सिंह संक्रांति के दिन सूर्य की उपासना करने का विधान है।
श्रावण पुत्रदा एकादशी: श्रावण पुत्रदा एकादशी इस बार 18 अगस्त है। श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को श्राण पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। संतान सुख के लिए यह व्रत भगवान विष्णु जी के लिए रखा जाता है।
प्रदोष व्रत: श्रावण माह का दूसरा प्रदोष व्रत 20 अगस्त है। मान्यता के अनुसार प्रदोष व्रत भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए रखा जाता है। यह व्रत प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है।
ओणम: ओणम 21 अगस्त को है। इस पर्व को दक्षिण भारत खासतौर केरल में बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। मान्यता है ओणम यानी थिरुओणम के दिन ही राजा महाबली अपनी समस्त प्रजा से मिलने के लिए आते है जिसकी खुशी में यह त्योहार मनाया जाता है।
रक्षा बन्धन: रक्षा बंधन पर्व 22 अगस्त को है। यह पर्व हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। बहन अपने भाई की दीर्घायु और स्वस्थ जीवन के लिए उनकी कलाई में राखी बांधती है।
कजरी तीज : कजरी तीज का व्रत 25 अगस्त को है। कजरी तीज भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाई जाती है। इसे भादौ तीज भी कहा जाता है। इस व्रत में भी सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु का कामना में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा विधिवत रूप से करती है।
कृष्ण जन्माष्टमी: कृष्ण जन्माष्टमी 30 अगस्त को मनायी जाएगी। जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को ही कहा जाता है। पौराणिक ग्रंथों के मतानुसार श्री कृष्ण का जन्म का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि के समय हुआ था।