पानी के संकट से जूझ रहे मड़रिया बसोर बस्ती के लोग
नलजल योजना के नहीं हैं कनेक्शन, हैंड़पंप पानी की जगह उगल रहे हवा, आधा किमी दूर दूसरी बस्ती में जाना पड़ता है पानी के लिए, दूसरे बस्ती के लोग करते हैं विवाद, शहर के वार्ड क्रमांक-21 मड़रिया बसोर बस्ती का हाल
सीधी। नगर पालिका परिषद सीधी के जिम्मेदार अधिकारी शहर की बस्तियों में ही पेयजल संकट दूर नहीं कर पा रहा है। शहर कई बस्तियां ऐसी हैं जहां के रहवासी पेयजल संकट से जूझ रहे हैं, यहां न तो नलजल योजनाओं के कनेक्शन हैं और न ही नियमित रूप से टैंकरों के माध्यम से पानी की सप्लाई की जा रही है। बस्तियों में जो हैंडपंप लगे हैं वो भी जल स्तर नीचे खिसकने से पानी की जगह हवा उगल रहे हैं, ऐसी स्थिति में स्थानीय रहवासियों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है।
कुछ ऐसी ही समस्या से जूझ रहे हैं शहर के वार्ड क्रमांक-21 बसोर बस्ती मड़रिया के रहवासी। करीब दो हजार संख्या की आबादी वाले इस मुहल्ले में मूलभूत सुविधाओं का टोंटा है, बस्ती में नाली के अभाव में बारिश के दौरान लोगों के घरों में पानी भरता है। आवास योजना के तहत अधूरी किस्त मिलने से यहां के लोग पॉलीथीन के नीचे रहने को मजबूर हैं। क्योंकि पुराना घर तो गिरा दिया गया और प्रधानमंत्री आवास योजना का मकान किस्त के अभाव पूर्ण नहीं हो पाया है। इसके साथ ही बस्ती में सबसे बड़ी समस्या पानी की है। पानी के लिए लोगों को काफी परेशान होना पड़ रहा है। स्थानीय रहवासियों ने बताया कि अब तक मुहल्ले में नलजल योजना की पाइप लाइन नहीं पहुंचाई गई है। बस्ती महज एक-दो हैंडपंप हैं, जो जल स्तर नीचे खिसकने से पानी की जगह हवा उगलने लगे हैं, इन हैंडपंपों में सुबह दस-बीस बाल्टी पानी निकलना है, इसके बाद घंटो मेहनत करने के बाद एकाध बाल्टी पानी निकल पाता है। ऐसी स्थिति में पानी के लिए आधा किमी दूर दूसरी बस्ती के हैंडपंप में पानी लेने जाना पड़ता है। कई बार दूसरी बस्ती के लोग पानी लेने को लेकर विवाद की स्थिति भी निर्मित कर देते हैं। गरीबों का मुहल्ला होने के कारण नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा सुविधाओं को लेकर किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
मुहल्लेवासियों ने सुनाया दर्द-
……..बसोर बस्ती मे मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, नगरपालिका द्वारा इसकी उपेक्षा की जा रही है। यहां न तो पानी निकासी के लिए नालियां बनाई गई हैं, और न ही पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
छगन बंसल, स्थानीय रहवासी
……..बस्ती में वैसे तो समस्याओं का अंबार है, लेकिन वर्तमान मेें सबसे बड़ी समस्या पेयजल की है, पानी के लिए आधा किमी से भी दूर जाना पड़ता है। टैंकर भी नियमित रूप से नहीं आता।
किरण बंसल, स्थानीय रहवासी
……….यह गरीब बस्ती है, इसलिए नगर पालिका के अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं, यहां की समस्या क्या बताएं, यहां तो समस्याओं का अंबार लगा है, इस गर्मी के मौषम में सबसे बड़ी समस्या तो पानी की है।
जमुना बंसल, स्थानीय रहवासी
……….शहर के अन्य मुहल्लों में घर-घर नलजल योजना के तहत कनेक्शन दिया गया है, लेकिन यह सबसे पुरानी बस्ती होने के बाद भी यहां आज तक नलजल योजना का कनेक्शन नहीं दिया गया है। यहां हर वर्ष गर्मी के मौषम में पानी की समस्या होती है।
लल्ला बंसल, स्थानीय रहवासी
………बस्ती के हैंडपंप गर्मी के इस मौषम में पानी नहीं दे पा रहे हैं, दस-बीस बाल्टी ही सुबह के समय पानी निकल पाता है। इसके बाद पानी के लिए दूसरी बस्ती में करीब आधा किमी दूर पानी के लिए जाना पड़ता है।
भगवानदास बंसल, स्थानीय रहवासी
……हमारी बस्ती में पानी की भीषण समस्या है। पानी लेने दूसरे बस्ती में जाते हैं तो वहां के लोग विवाद खड़ा करते रहते हैं। लेकिन नगर पालिका द्वारा पानी की समस्या दूर करने कोई प्रयाश नहीं किया जा रहा है।
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