दरअसल जिले में एक और दो रुपए के सिक्कों को व्यापारियों ने लेना बंद कर दिया है। ऐसे में ग्रहाक भी परेशान है, क्योंकि पहले तो उनके पास जो सिक्के हैं, उनका क्या करें। इसके बाद जब वे व्यापारी से सामान खरीदते हैं, तो उन्हें भी खुल्ले पैसे की जगह एक दो रुपए की टॉफी, माचिक, शेंपू या तेल के पाउच आदि चीज पकड़ा दी जाती है। जो किसी काम की नहीं होती है।
स्कूल तक सड़क की मांग को लेकर विद्यार्थियों ने किया हंगामा अघोषित रूप से होते जा रहे बंद वैसे तो आरबीआई ने सिक्कों के चलन को बंद नहीं किया है। लेकिन जब बाजार में इन्हें कोई लेता ही नहीं है। तो यह वैसे ही बंद होते जा रहे हैं। क्योंकि व्यापारियों का कहना है कि हम जब थोक व्यापारी से माल मंगवाते हैं, तो वह भी एक और दो रुपए के सिक्के नहीं लेते हैं। अगर हम ग्रहाकों से एक और दो रुपए के सिक्के ले भी लें, तो इनका करें क्या। क्योंकि बैंक में भी इन्हें लेने से आनाकानी की जाती है।
बच्चों की नींव मजबूत करने स्कूल खुलते ही पहले करेंगे अपडेट एक और दो के सिक्के चलन से बाहर नहीं हैं। व्यापारियों को सिक्के लेने से मना नहीं करना चाहिए। बाजार में एलाउंस करके चेतावनी दी जाएगी, सिक्के नहीं लेने पर शिकायत मिलने पर संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।
-पंकज कुमावत, एसी, सीधी