सीधी। कोरोना काल में संजय टाइगर रिजर्व से खुशखबर आई है। बाघिन टी-21 ने दो शावकों को जन्म दिया है। संजय दुबरी अभ्यारण्य क्षेत्र में बाघिन टी-21 के साथ दो शावकों की तस्वीर कैमरा ट्रैप में कैद होने के बाद संजय टाइगर रिजर्व का अमला खुश है। इसके साथ ही उसकी निगरानी बढ़ा दी गई है। बाघिन टी-21 आदमखोर बाघिन के नाम से चर्चित है।
क्षेत्र संचालक संजय टाइगर रिजर्व सीधी अशोक मिश्रा ने बताया कि इस बाघिन को कटनी के रिहाइशी क्षेत्र से रेस्क्यू कर संजय टाइगर रिजर्व लाया गया था। वहां कंजरा बाड़े में कैद किया गया था। कुछ माह तक बाड़े में रखने के बाद जब इसके व्यवहार में परिवर्तन दिखा तो करीब एक वर्ष पूर्व कॉलर आईडी लगाकर संजय दुबरी अभ्यारण्य में छोड़ दिया गया था। उसने दो शावकों को जन्म दिया है।
वर्चस्व की लड़ाई में एक बाघ ने जान गंवाई पन्ना टाइगर रिजर्व में वर्चस्व की जंग में एक और बाघ की जान चली गई। गहरीघाट रेंज के मझौली बीट में एक अर्ध वयस्क बाघ का शव मिला है। यह करीब 5-6 दिन पुराना है। एक माह में दो बाघों की मौत से टाइगर रिजर्व की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो गए हैं। उधर, सांसद वीडी शर्मा ने भी बाघों की लगातार मौत पर चिंता जताई है।
फील्ड डायरेक्टर केएस भदौरिया ने बताया कि सोमवार को टाइगर रिजर्व के मझौली बीट के कक्ष क्रमांक पी-511 में एक नर बाघ मृत हालत में मिला है। बाघ की उम्र 3 से 4 साल होगी। शव पूरी तरह सड़ चुका है। पोस्टमार्टम के लिए बाघ के आंतरिक अंग भी नहीं मिले। वन्य प्राणी चिकित्सक ने पोस्टमार्टम कर सैंपल जांच के लिए सागर और जबलपुर प्रयोगशाला भेज दिया है। फील्ड डायरेक्टर के अनुसार किसी वयस्क बाघ से टेरिटोरियल फाइट में बाघ के मारे जाने की आशंका है। वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव गुप्ता ने पोस्टमार्टम करने के बाद बाघ के शव का अंतिम संस्कार एनटीसीए के प्रतिनिधि इंद्रभान सिंह बुंदेला की उपस्थिति किया गया।
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