मंत्री का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि, ट्रांसफरों की नस्ती मांगी थी, लेकिन कलेक्टर द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। प्रभारी मंत्री का कहना है कि, सीएम से कई बार बोल चुका हूं, फिर एक बार निवेदन करना चाहूंगा कि ये अधिकारी निरंकुश हो रहे हैं, इन पर दंड लगाना अत्यंत आवश्यक हो गया है।
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कलेक्टर को पत्र लिखकर की कार्रवाई की मांग
मंत्री सिसौदिया के अनुसार, नीति के तहत पुलिस अधिकारी एसपी का ये दायित्व बनता है कि, जनप्रतिनिधि जिससे सहमत नहीं था, एप्रूवल नहीं करें। उन्होंने नाराजगी के साथ कलेक्टर को लिखित रूप से एसपी द्वारा लिखी ट्रांसफरों की नस्ती मांगी। साथ ही कहा कि, मेरे सामने प्रस्तुत करें, लेकिन कलेक्टर ने इसपर कोई संज्ञान नहीं लिया। ये बात राजनैतिक है, दूर तक जाएगी। उन्होंने आगे ये भी कहा कि, भाजपा की सरकार पूरी तरह से गरीबों की सरकार है। इस सरकार के अंदर अधिकारियों का निरंकुश होना गलत है, ये नहीं होना चाहिए। प्रभारी मंत्री सिसौदिया ने मुख्य सचिव इकबाल को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि, इतना अच्छा सीएम होने के बाद शासन निरंकुश है। मंत्री होने के बाद भी लिखित रूप से आदेश दिया, जिसका पालन कलेक्टर ने नहीं किया। ये अपने आप में हैरानी की बात है। आपको बता दें कि, बीते 24 अगस्त को शिवपुरी एसपी ने दस पुलिस अफसरों के तबादले किये थे, जिन्हें लेकर मंत्री सिसोदिया ने नाराजगी जाहिर की है।
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