दर्द से तड़पती रही गर्भवती, कई कॉल किए, घंटों बाद भी नहीं आई 108 एम्बुलेंस, बाइक से ले जाते वक्त बीच सड़क पर हुई डिलीवरी
Poor Health System of MP : महिला के परिजन बोले- ‘घंटो कॉल किए। कई बार आने के आश्वासन मिले, फिर भी 108 एबुलेंस नहीं आई। मजबूरन बाइक पर बैठाकर अस्पताल के लिए निकलना पड़ा। बैठकर जाने के कारण महिला की सड़क पर ही डिलीवरी हो गई।
संजीव जाट, बदरवास/एक्सक्लूसिव रिपोर्टPoor Health System of MP : जिम्मेदारों द्वारा लगातार बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के दावे किए जाते हैं। लेकिन, मध्य प्रदेश के अधिकतर क्षेत्रों में इसकी बदहाली बयां करते मामले अकसर सामने आ जाते हैं। बावजूद इसके बदहाली के मामले सिर्फ खबरों तक ही सीमित रहते हैं और बदहाली जस की तस बनी रहती है। स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की ऐसी ही बदहाली से जुड़ा झकझोर देने वाला मामला सूबे के शिवपुरी जिले से सामने आया है। यहां तमाम कोशिशों के बावजूद जब 108 एंबुलेंस नहीं आई तो घर वालों को मजबूरन गर्भवती महिला को बाइक पर बैठाकर अस्पताल लेकर निकलना पड़ा। इसमें समय अधिक बीत जाने के चलते महिला का रास्ते में ही प्रसव हो गया।
इस बार ये शर्मसार कर देने वाला मामला जिले के बदरवास कस्बे से सामने आया है। दरअसल, मंगलवार रात को एक गर्भवती महिला की रेलवे अंडर ब्रिज के पास रास्ते में ही डिलीवरी हो गई। घटनाक्रम अजीबो गरीब था, इसलिए रास्ते से गुजरने वालों की भी काफी भीड़ मौके पर इकट्ठी हो गई। गौर करने वाली बात है कि ये उस महिला के जीवन के सबसे पीड़ा दायक समय में कितना असहज मेहसूस करने वाली स्थिति होगी। महिला के साथ साथ उस परिवार के लोगों को अनजान भीड़ के सामने इस तरह की पीड़ा झेलना कितना मुश्किल हुआ होगा। लेकिन, पीड़ित महिला और उसके परिवार के साथ खुशी के इस मौके पर दुखों का पहाड़ सिर्फ इसलिए टूटा, क्योंकि परिवार के तमाम प्रयासों के बावजूद 108 एंबुलेंस गर्भवती महिला को लेने नहीं पहुंची।
मामले में परिजन का आरोप है कि महिला को प्रसव पीड़ा शुरु होते ही उन्होंने 108 एंबुलेंस को कॉल करना शुरु कर दिया था। कई बार प्रयास के बाद भी जब बोलने के बावजूद एंबुलेंस नहीं आई तो मजबूरी में प्रसूता को बाइक पर बैठाकर अस्पताल ले जाना पड़ा। लेकिन बैठकर जाने के कारण रास्ते में असहनीय पीड़ा हुई और बीच सड़क पर ही महिला का प्रसव हो गया। बाद में घर वाले महिला को रिक्शा के जरिए प्रसूता और नवजात बदरवास अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां दोनों का इलाज चल रहा है।
क्या है मामला?
जानकारी के मुताबिक शासन व प्रशासन भले ही सुरक्षित प्रसव के दावे करें, लेकिन कई बार ये दावे खोखले साबित हो जाते हैं। ऐसा ही एक मामला मंगलवार को सामने आया जिसमें बदरवास के ग्राम भड़कई पिपरौदा में रहने वाली 25 वर्षीय सीमा पत्नी करण पटेलिया को अचानक से प्रसव पीड़ा हुई तो परिजन ने 108 एंबुलेंस को कई बार फोन लगाया। हर बार या तो एंबुलेंस न होने या फिर एक-दो घंटे में आने की सूचना दी गई। इधर, जब सीमा को प्रसव पीड़ा तेज हो गई तो परिजन बाइक से ही सीमा को लेकर बदरवास अस्पताल लाने लगे। जैसे ही यह लोग रेलवे अंडर ब्रिज के पास के पास पहुंचे तो सीमा की डिलीवरी हो गई।
मौके से निकल रहे लोगों ने एक ऑटो को रोका और प्रसूता सहित उसके नवजात को बदरवास अस्पताल पहुंचाया। सीमा के भाई मांगीलाल पटेलिया ने बताया कि हमने कई बार एंबुलेंस को कॉल किए, लेकिन किसी ने कोई सुनवाई नहीं की, ऐसे में हम मजबूर होकर सीमा को बाइक से लेकर आ रहे थे और रास्ते में डिलीवरी हो गई।
मामले को लेकर बदरवास बीएमओ चेतन कुशवाह का कहना है कि मामला गंभीर है। ऐसी लापरवाही कभी किसी को नहीं बरतनी चाहिए। अगर 108 एंबुलेंस द्वारा ऐसा किया गया है तो मैं मामले को दिखवाता हूं। वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर मामले में कार्रवाई करवाएंगे।
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