बताया जाता है कि अब तक सबसे बड़ी वॉल मुम्बई में दादा साहब फाल्के के रूप में देखी गई है, लेकिन दावा किया जा रहा है कि महाकाल लोक की वॉल 132 फुट लंबी और 6 फुट चौड़ी है। इस वॉल के निर्माण को लेकर महाकाल लोक प्रोजेक्ट से जुड़े लाेगाें का कहना है कि म्यूरल वॉल के निर्माण की लंबी कहानी है…
इनके ‘महाकाल लोक’ की म्यूरल वॉल अब तक कि सबसे बड़ी म्यूरल वॉल है, इसे करीब 9 माह में 50 कारीगरों ने मिलकर तैयार किया है। इसके लिए 132 फुट लंबे व 6 फुट चौड़े राजस्थान से मंगावाए गए म्यूरल पत्थर की खासियत है कि यह 5000वर्ष तक चमकता रहता है, यहां तक की पानी पड़ने पर भी इस पत्थर की चमक ज्यादा दिखाई देती है।
म्यूरल में शिव और माता पार्वती की कहानी
प्रोजेक्ट से जुड़े कुछ लाेगाें के अनुसार म्यूरल वॉल को करीब 9 सेक्शन में बांटा गया है और करीब 81 म्यूरल बनाई है, जिसमें शिव को माता पार्वती के साथ मनाने की कहानी से लेकर, शिव बारात, शिव को भस्मी रूप में देख कर मां पार्वती की मां मैना का बेहोश होना व माता पार्वती का शिव के साथ विवाह के बाद कैलाश पर्वत पहुंचना सभी कुछ अंकित किया गया है।
पांच साल पहले कुछ ऐसे शुरू हुआ काम
बताया जाता है कि जब यह टीम 5 वर्ष पहले उज्जैन आई थी, तो उसने दर्शन सुविधा को बेहतर बनाने के िलए सबसे पहले पॉइंट नोट किए, जिसके आधार पर हमने पहले फेज का काम पूरा कर लिया है, जाे इस प्रकार हैं…
– दर्शन आमजन को अच्छे से करने को मिलें, उन्हें कोई परेशानी न हो।
– क्राउड मैनेजमेंट करने में प्रशासनिक अमले को सहूलियत हो।
– उज्जैन की इकॉनमी को प्रोजेक्ट से मदद मिले।
नई पीढ़ी के लिए ये है विशेष
प्राेजेक्ट से जुड़े लाेगाें के अनुसार चुंकि आज की युवा पीढ़ी इतिहास को कम समझती है। ऐसे में सुनकर समझने और देखकर समझने में काफी फर्क हो जाता है। ऐसे में टीम ने इन बातों को ध्यान में रखा और इस थीम को तैयार किया, क्योंकि जो चीज देखने के साथ ही सुनी और पढ़ी भी जाये उसे भूलना मुश्किल है। युवाओं को हर चीज याद रहे, यही कोशिश की जा रही है।