यही वजह है कि दोनों दल संबंधित जाति के वोट बैंक को साधने के लिए उसी जाति के नेताओं को मैदान में उतार रही है, ताकि जातिगत मतदाताओं को रिझाया जा सके। भाजपा की ओर से स्वयं मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने बागडोर संभाली हुई है, वहीं कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी मोर्चा संभाले हुए हैं।
राजनीतिक पार्टियों और राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार विजयपुर विधानसभा (vijaypur vidhansabha election) में लगभग 60 हजार आदिवासी मतदाता हैं। जबकि जाटव 32 हजार, कुशवाह 26 हजार, रावत 17 हजार, ब्राह्मण, गुर्जरमारवाडी और धाकड़ 15-15 हजार, वैश्य, यादव 8-8 हजार, मुस्लिम 5 हजार, राठोर, नाई, मोगिया, बघेले 4-4 हजार, क्षत्रिय, भोई, प्रजापति, मल्लाह 3-3 हजार के आसपास हैं। वहीं 1 से 3 हजार की संख्या में अन्य जातियों के भी मतदाता बताए गए हैं।
कुशवाह-धाकड़ समाजों की अहम भूमिका
इस बार के विधानसभा चुनाव में विजयपुर में कुशवाह समाज (kushwah) और धाकड़ (dhakad) समाजों की मुख्य भूमिका है। दोनों ही जातियों के उम्मीदवार इस बार मैदान में नहीं है, लिहाजा भाजपा और कांग्रेस इन्हें अपने पक्ष में करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। यही वजह है कि लगभग 15 हजार धाकड़ वोट साधने के लिए बुधवार को भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की न केवल सभा कराई, बल्कि समाज के साथ बैठक भी कराई। वहीं लगभग 26 हजार कुशवाह वोटों पर सेंधमारी करने के लिए भाजपा जहां ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाह और पूर्व विधायक अजब सिंह कुशवाह से जनसंपर्क करा चुकी है, वहीं कांग्रेस सबलगढ़ के पूर्व विधायक बैजनाथ कुशवाह और अन्य नेताओं को सक्रिय किए हुए है।
इन जातियों पर भी नजर
रावत (rawat): क्षेत्र में लगभग 17 हजार रावत समाज के मतदाता हैं। इसमें भाजपा की ओर से इसी समाज के रामनिवास रावत प्रत्याशी हैं, जबकि कांग्रेस ने श्योपुर विधायक बाबू जंडेल और अन्य समाज के नेताओं को लगाया हुआ है। ब्राह्मण (brahmin): क्षेत्र में लगभग 17 हजार मतदाता ब्राह्मण समाज के हैं। यही वजह है कि भाजपा की ओर से प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा सहित अन्य नेता सक्रिय हैं तो कांग्रेस से उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे व अन्य नेता सक्रिय हैं।
गुर्जर (gurjar): क्षेत्र में लगभग 15 हजार मतदाता गुर्जर-मारवाड़ी समाज से हैं। जिसके लिए भाजपा ने कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना को लगातार सक्रिय किया हुआ है, वहीं कांग्रेस राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की सभा करा रही है।
60 हजार आदिवासियों पर नजर
विजयपुर विधानसभा में 2 लाख 54 हजार मतदाता हैं, जिनमें से लगभग 60 हजार आदिवासी मतदाता हैं। यही वजह है कि दोनों दलों की इस बड़े वोट बैंक पर नजर है। यही वजह है कि कांग्रेस ने जहां सहरिया आदिवासी वर्ग से मुकेश मल्होत्रा को प्रत्याशी बनाया है, जबकि भाजपा ने पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी को सहरिया विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष (राज्यमंत्री) बनाकर सहरिया वोट साधने का प्रयास किया है। वहीं उनके साथ तुरसनपाल बरैया भी सहरिया विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री) भी इस समाज से हैं। इसके अलावा दोनों दलों से अन्य सहरिया नेता भी मैदान में सक्रिय हैं। वहीं आदिवासी वर्ग में भील-भिलाल और पटेलिया जातियों को साधने के लिए जहां कांग्रेस ने पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और उनके बेटे विक्रांत भूरिया को बुलाया है, वहीं भाजपा ने मंत्री निर्मला भूरिया को बुलाया था।