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श्योपुर

मच्छरदानी भी बांटी, दवा भी छिडक़ाव किया, फिर भी विजयपुर में 45 फीसदी बढ़ गया मलेरिया

विजयपुर ब्लॉक और श्योपुर शहर में बेकाबू होने लगा मलेरिया, गत वर्ष से बढ़े मलेरिया पॉजीटिव मरीज, शहर में नपा की लापरवाही से बनी स्थिति
 

श्योपुरSep 02, 2019 / 05:57 pm

Vivek Shrivastav

मच्छरदानी भी बांटी, दवा भी छिडक़ाव किया, फिर भी विजयपुर में 45 फीसदी बढ़ गया मलेरिया

मच्छरदानी भी बांटी, दवा भी छिडक़ाव किया, फिर भी विजयपुर में 45 फीसदी बढ़ गया मलेरिया

श्योपुर. प्रदेश में सबसे ज्यादा एपीआई वाले श्योपुर जिले में भले ही मलेरिया नियंत्रण के लिए मच्छरदानी का वितरण किया हो, लेकिन जिले के कुछ इलाकों में इसका लाभ होता नहीं दिख रहा है। यही वजह है कि गत वर्ष के मुकाबले विजयपुर ब्लॉक में 45 फीसदी तो श्योपुर शहर में 10 फीसदी मलेरिया पॉजिटिव केस बढ़ गए हैं।

विशेष बात यह है कि जिले के विजयपुर ब्लॉक में तो मच्छरदानी वितरण के साथ ही चिह्नित गांवों में दवा छिडक़ाव भी कराया गया, लेकिन मलेरिया नियंत्रित होने के बजाय बढ़ रहा है। मलेरिया की ये स्थिति स्वयं मलेरिया पॉजीटिव केस के आंकड़े कर रहे हैं, जिनमें गत वर्ष के मुकाबले विजयपुर ब्लॉक और श्योपुर शहर में मलेरिया के मरीज बढ़े हैं। हालांकि जिले के कुल मलेरिया पॉजिटिव केसों की संख्या गत वर्ष से कम है और बड़ौदा और कराहल ब्लॉक में संख्या घटी भी है, लेकिन विजयपुर ब्लॉक के साथ ही श्योपुर शहर में मलेरिया मरीजों की संख्या बढऩे से जहां महकमा अलर्ट हो गया है, वहीं आमजन मलेरिया का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में अब भी नहीं संभले तो इस सितंबर माह में हालात बेकाबू हो सकते हैं। ऊपर से जिला अस्पताल व अन्य अस्पतालों में चरमराई सेवाएं स्थितियों को और प्रतिकूल बना सकती है।

विजयपुर में 54 गांवों में किया दवा छिडक़ाव


जिले के ब्लॉक विजयपुर में अभी तक की स्थिति गत वर्ष 211 पॉजिटिव केस आए थे, लेकिन इस साल अभी तक 307 मलेरिया मरीज सामने आ चुके हैं। ये बढ़ोत्तरी गत वर्ष से 45 फीसदी ज्यादा है। जाहिर विजयपुर ब्लॉक में मलेरिया के हालात भयावह होने की दिशा में अग्रसर हैं। ये भी तब यहां मच्छरदानी वितरण तो किया ही है, साथ ही वंचित 54 गांवों में सिंथेटिक पायराथ्राइड दवा का भी छिडक़ाव किया गया है और दूसरे चरण में इन गांवों में 1 सितंबर से फिर छिडक़ाव शुरू हो गया है।

नपा की लापरवाही से मलेरिया शहर बनता जा रहा श्योपुर


पहले से ही प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में से सबसे ज्यादा हाइरिस्क और सबसे ज्यादा एपीआइ(एनुअल पैराडाइस इंडेक्स) वाला श्योपुर शहर अब नगरपालिका की लापरवाही से मलेरिया शहर बनता जा रहा है। यही वजह है कि गत वर्ष जहां शहर में 400 मरीज सामने आए थे, वहीं इस वर्ष अभी तक यहां 443 मलेरिया पॉजिटिव मरीज निकल चुके हैं। विशेष बात यह है कि मलेरिया विभाग द्वारा हर सप्ताह बुधवार को सर्वे किया जा रहा है और सात सप्ताह में 400 घरों में मच्छर का लार्वा मिला है। लेकिन नपा का अमला जहां सर्वे में सहयोग नहीं कर रहा है, वहीं मच्छर के प्रजनन केंद्र बने खाली प्लॉट, नाले आदि की सफाई भी समय पर नहीं हो रही है।
30 अगस्त तक की स्थिति में मलेरिया पॉजिटिव केस


क्षेत्र वर्ष 2018 वर्ष 2019
श्योपुर शहर 400 443
विजयपुर ब्लॉक 211 307
बड़ौदा ब्लॉक 18 3 8 0
कराहल ब्लॉक 140 74
जिले में कुल 934 904

फैक्ट फाइल

07-लाख है जिले की आबादी
610-गांव है जिले भर में
418 -गांवों में हुआ है मच्छरदानी का वितरण
04-लाख से अधिक मच्छरदानी जिले में बांटी
35-हजार मच्छरदानी शहर में हुई वितरित
904-मलेरिया पॉजिटिव केस आए सामने अभी तक इस वर्ष
बीते छह वर्षों में जिले में मलेरिया


वर्ष मलेरिया पॉजीटिव
2018 3473
2017 4972
2016 3831
2015 5970
2014 46 06
2013 396 7

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