अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक और सिंह परियोजना संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि गत 29 जुलाई की शाम 6.30 बजे नियमित निगरानी के दौरान मादा चीता गामिनी के पांच शावकों में से एक शावक अपने शरीर के पिछले हिस्से को उठाने में असमर्थ दिखाई दे रहा था।
निगरानी के दौरान थोड़ी देर बाद शावक सम्पूर्ण पिछले हिस्से को घसीट कर चलता हुआ दिखाई दिया। शावक को तत्काल रेस्क्यू कर चिकित्सालय लाकर जांच की गई, जिसमें शावक की रीढ़ की हड्डी में फ्रेक्चर पाया गया।
हालांकि शावक को उपचार कर शावक को सघन निगरानी में रख जा रहा था। लेकिन सोमवार की सुबह शावक की एकाएक तबियत खराब हुई, जिसका आपातकालीन उपचार किया गया लेकिन शावक की मृत्यु हो गई। शर्मा ने बताया कि पोस्टमॉर्टम के बाद मृत्यु का कारण पता लगेगा।
गामिनी के अब तक 2 शावकों की हो चुकी मौत
श्योपुर के कूनो में मादा चीता गामिनी ने 10 मार्च 2024 को 6 शावकों को जन्म दिया था, जिसमें से एक की मौत गत 4 जून को हो गई थी। वहीं एक ओर शावक की मौत 5 अगस्त हो गई। अब गामिनी के 4 शावक शेष बचे हैं।
अब 13 वयस्क एवं 12 शावक चीते
एपीसीसीएफ उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि कूनो में अब शेष 13 वयस्क एवं 12 शावक चीते बचे हैं, स्वस्थ एवं सामान्य हैं। वयस्क चीतों को टिक एवं अन्य परजीवी संक्रमण की रोकथाम के लिए आवश्यक उपचार किया गया है। सभी चीतों की नियमित निगरानी की जा रही है।