बता दें कि मालवा सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन नंबर 12919 शाजापुर जिले के मक्सी रेलवे स्टेशन से आगे बढ़ते हुए पीर उमरोद रेलवे स्टेशन के नजदीक आई ही थी कि अचानक कपलिंग टूट जाने से दो हिस्सों में बंट गई। सामान्य पैसेंजर कोच और एस-6 कोच के बीच का कपलिंग चलती ट्रेन में टूट गया। ट्रेन के कोच अलग होने से यात्रियों को तेज झटके के साथ ही जोरदार आवाज आई, जिससे यात्री घबरा गए। हालांकि ट्रेन ऑपरेटर की सूझबूझ से ट्रेन को बड़ी सूझबूझ के साथ धीरे करते हुए रोका गया। इस दौरान एक छोटी सी लापरवाही से अलग हुए पिछले डिब्बे एक दूसरे से टकराकर पटरी से उतर सकते थे, जिससे बड़े हादसा हो सकता था।
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हालांकि, ट्रेन ऑपरेटर की सूझबूझ से पीर उमरोद के पास ट्रेन को रोककर कपलिंग जोड़ा गया। हालांकि, कुछ दूर चलने के बाद एक बार फिर कपलिंग टूट गया। इसके बाद फिर पायलट ने सूझबूझ दिखाकर ट्रेन रोकी और कपलिंग जोड़ा गया। इस प्रक्रिया में ट्रेन तय समय से करीब ढाई घंटे टूट गए, जिससे रेल यातायात तो बाधित हुआ ही, साथ ही सुपरफास्ट ट्रेन में सवार यात्रियों को खासा परेशानी का सामना करते हुए अपने निर्धारित छेत्र में पहुंचने तक लंबा इंतेजार करना पड़ा।
हालांकि दूसरी बार हुई घटनाक्रम से रेलवे प्रबंधन भी सकते में आ गया। दो हिस्से में बटी ट्रेन को आउटर से जैसे-तैसे बेरछा रेलवे स्टेशन पर खड़ा कर आननफानन में टेक्निकल स्टाफ को उज्जैन से पीछे आ रही एक्सप्रेस ट्रेन से बुलाया गया। दो घंटे की मशक्कत के बाद लगभग शाम 5:45 पर ट्रेन को अपने गंतव्य के लिए रवाना किया गया। इस दौरान बेरछा थाना प्रभारी अंकित मुकाती, रेलवे, आरपीएफ स्टाफ मौजूद था। ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्री, विशेष तौर पर महिलाएं और बच्चे ट्रेन की इस लेटलतीफी से काफी परेशान रहे।
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इस पूरी घटना में उन यात्रियों की खासी फजीहत हुई, जिन्हें भोपाल स्टेशन से दूसरी ट्रेनों से अन्य जगह रवाना होना था। कपलिंग टूटने से तीन घंटे लेट हुई। ट्रेन से कई यात्री का आगे का सफर परेशानी भरा रहा। कुछ यात्री इस लेट-लतीफी की कश्मकश के बीच बस से शाजापुर होते हुए भोपाल से रवाना हुए। यात्री ट्रेन दोपहर 3:55 बजे से करीब दो घंटे तक बेरछा के पास ही खड़ी रही। इसके बाद 5:45 बजे रवाना हुई। घटना के बाद जैसेतैसे ट्रेन को रोका गया, लेकिन यात्रियों में एक्सीडेंट का भय फैल गया था। बेरछा और मक्सी से रेलवे का दल मौका स्थल पर पहुंचा और अलग हुई बोगियां को जोड़ने का काम चालू किया। भोपाल और रतलाम से भी रेलवे का दल भी मौका स्थल पर पहुंचा। जांच के बाद ट्रेन रवाना की गई।