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सिवनी

सागौन जब्ती के बाद जांच में वनकर्मियों की भूमिका संदिग्ध

– वन विकास निगम बरघाट परियोजना के कूप का हो रहा मिलान
– सुरक्षित वन क्षेत्र के जंगल से चोरी और एक मकान से जब्ती का मामला

सिवनीNov 25, 2024 / 05:49 pm

sunil vanderwar

नवम्बर को की गई थी सागौन जब्ती कार्रवाई।

नवम्बर को की गई थी सागौन जब्ती कार्रवाई।

सिवनी. वन विकास निगम बरघाट परियोजना के बेहरई परिक्षेत्र के लालपुर में एक मकान से 19 नवम्बर को बड़ी मात्रा में सागौन के ल_े और चिरान एक संयुक्त टीम ने जब्त किया था। इस मामले में जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, कई चौंकाने वाली खबरें सामने आ रही हैं। संभावना है कि जांच के दायरे में वनविकास निगम अंतर्गत बेहरई और नजदीकी पांडियाछपारा परिक्षेत्र के कर्मी भी आ सकते हैं।

संयुक्त दल ने की थी छापामार कार्रवाई
वन विकास निगम बरघाट परियोजना मंडल के परिक्षेत्र बेहरई में 19 नवम्बर को मुखबिर की सूचना पर बरघाट विकासखण्ड के ग्राम लालपुर के एक मकान की तलाशी के दौरान अवैध रुप से रखे सागौन के 10 नग ल_ा 1.165 घनमीटर एवं सात नग सागौन चिरान 0.143 घनमीटर, कुल 1.308 घनमीटर लकड़ी जब्त की गई है। भारतीय वन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपी को हिरासत में लेकर प्रकरण दर्ज किया गया है। इस प्रकरण की जांच बेहरई परिक्षेत्र की टीम कर रही है।

जंगल के कूप से चोरी हुई थी सागौन
जब्त सागौन के ल_ों को देखने और आरोपी से पूछताछ व विभिन्न तथ्यों के आधार पर जांच कर रहे दल को इतना तो स्पष्ट हो चुका है, कि सागौन के जब्त ल_े वन विकास निगम के ही जंगल के कूप से चोरी किए गए थे। बता दें कि वर्तमान में वन विकास निगम जंगल में पेड़ों की कटाई व ल_ों को एकत्रित कर कूप बनाने का काम चल रहा है।

किस क्षेत्र की है सागौन जल्द चलेगा पता
वन विकास निगम के अधिकारियों के निर्देश पर यह पता लगाया जा रहा है, कि जब्त हुई इमारती सागौन जंगल के किस क्षेत्र और कूप से चोरी की गई थी। इसके लिए बेहरई परिक्षेत्र और पांडियाछपारा परिक्षेत्र के कूप का अच्छी तरह से मिलान किया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है, कि जल्द ही यह बात सामने आएगी कि सागौन वन विकास निगम के सुरक्षित माने जाने वाले किस परिक्षेत्र के किस हिस्से से चोरी कर गांव के मकान तक लाई गई थी और इस चोरी में किसकी भूमिका रही है।

सुरक्षित वनक्षेत्र में चोरी से उठ रहे सवाल
वन विकास निगम के जंगलों को सुरक्षित वन क्षेत्र माना जाता है। इन जंगलों की सुरक्षा और गश्ती के लिए फेंसिंग, लाइनिंग, नियमितगश्ती दल और जगह-जगह बीटगार्ड की तैनाती की गई। इसके बावजूद जंगल से बड़ी मात्रा में सागौन का चोरी होना स्वत: ही इस ओर इशारा कर रहा है, कि जंगल की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए कर्मियों में से ही कोई ऐसा है, जो जंगल में ही चोरी कराने में शामिल हो सकता है। क्योंकि जंगल के अंदर से चारपहिया वाहनों में सागौन ल_ों को भरना और उसे कई किमी दूर लालपुर के मकान तक पहुंचाना आसान नहीं है। बहरहाल आरोपी से पूछताछ और जांच दल को मिल रहे प्रमाणों से एक-एक कड़ी जुड़ती अन्य आरोपियों तक पहुंच रही है। अब देखना है कि अधिकारी इस मामले में कब तक जांच व कार्रवाई तय करते हैं।
इनका कहना है –
वन विकास निगम के संयुक्त दल ने लालपुर गांव के मकान से जो लकड़ी बरामद की थी। उस मामले में जांच चल रही है। आरोपी से पूछताछ हो रही है। जांच के दायरे में जिसकी भी भूमिका संदिग्ध पाई जाएगी, उन सभी से पूछताछ व निश्चित तौर पर दोषी पर कार्रवाई होगी।
भारती ठाकुर, संभागीय प्रबंधक बरघाट परियोजना मंडल सिवनी

बेहरई परिक्षेत्र के अंतर्गत मकान से जो सागौन पकड़ी गई है। वह किस कूप की है, उसका पता लगाया जा रहा है। पांडियाछपारा परिक्षेत्र में कई कूप कट रहे हैं, किस कूप की सागौन थी, अभी तय नहीं है। हम अपने क्षेत्र में अच्छी तरह से सभी कूप का मिलान कर रहे हैं।
देवेन्द्र नागेश्वर, परिक्षेत्र अधिकारी पांडियाछपारा

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