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लीथियम बैटरी निर्माण के क्षेत्र में चीन का दबदबा है। चीन में 70 फीसदी लीथियम बैटरी का निर्माण होता है। शेष तीस फीसदी लीथधियम बैटरी का निर्माण जापान, अजेंटीना, आस्ट्रेलिया समेत अमरीका में होता है। फिलहाल भारत में इन देशों से बैटरी का आयात किया जाता है। मोबाइल फोन, टीवी, रिमोर्ट लैपटॉप समेत इलेक्ट्रिक वाहनों में लीथियम बैटरी का उपयोग किया जाता है। जानकारों के मुताबिक इसका निर्माण भारत में शुरू होने से कीमतें भी खासी कम होंगी। ये तकरीबन आधी हो जाएंगी।
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बालाघाट सिवनी के सांसद डॉ ढाल सिंह बिसेन ने बैटरी उद्योग के क्षेत्र में काम करने वाले विजय नंदन के साथ मंत्री महेंद्र पांडेय से मुलाकात की। मालूम हो कि केंद्र सरकार ने देशभर में दस प्रोजेक्ट लगाने की कार्ययोजना बनाई है। पहला प्रोजेक्ट सिवनी में स्थापित किया जाना है।
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पीएलआई योजना से होगी उद्योग की स्थापना
सांसद डॉ. विसेन व बैटरी उद्योग के क्षेत्र में कार्य करने वाले नंदन की मानें तो भारत सरकार देश में आयात कम करने और स्थानीय स्तर पर रोजगार के मौके बनाने के लिए प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव स्कीम (PLI) शुरू की है। उक्त उद्योग के शुरू होने से लिथियम से बनी बैटरी के मूल्य आधे से भी कम हो जाएंगे है। इससे तेजी से रोजगार के क्षेत्र में विकास होगा। भारत सरकार लिथियम बैटरी के क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने के लिए करीब 18100 करोड़ रुपए की कार्ययोजना बनाई है।
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कर्नाटक में मिला है लीथियम
कर्नाटक के मंड्या जिले के मार्लागाला-अल्लापटना में लीथियम का स्रोत मिला है। वहां पर करीब 1600 टन लिथियम अयस्क मौजूद है। भारत सरकार ने वर्ष 2020 में लिथियम के स्रोत मिलने की पुष्टि की। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, मेघालय, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, केरल और राजस्थान के कुछ स्थानों पर लिथियम की खोज की जा रही है। फिलहाल चीन, बोलिविया, अर्जेंटीना, चिली, अमेरिका, आस्ट्रेलिया आदि देशों में ही दुर्लभ माने जाने खनिज लीथियम के स्रोत है।