शहर के इन चार वार्ड में मिले डेंगू पॉजिटिव मरीज–
नगर पालिका सिवनी अंतर्गत सबसे अधिक डेंगू के मरीज टैगोर वार्ड में चार हैं। इसके अलावा महावीर वार्ड में दो, महामाया वार्ड में एक, रानी दुर्गावती वार्ड में एक मरीज में डेंगू के लक्षण पाए गए हैं। इन मरीजों का अलग-अलग जगहों पर उपचार जारी है। वहीं मरीज के निवास व आसपास क्षेत्र में नगर पालिका ने फॉगिंग मशीन चलवाई व मलेरिया विभाग लार्वा सर्वे कर लोगों को जागरुक कर रहा है।
इन 17 गांव में डेंगू के मिले मरीज-
जिले के ग्रामीण क्षेत्र में डेंगू के संक्रमित कुल 17 मरीज मिले हैं। इनमें कुरई ब्लॉक के सापापार में एक, बादलपार में एक। लखनादौन ब्लॉक के गुदर्रा में एक सनाईडोंगरी में एक। छपारा ब्लॉक अंतर्गत छपारा में एक, घोघरी में एक पायलीखुर्द में एक। गोपालगंज ब्लॉक के कण्डीपार में एक, डोरली छतरपुर में एक कोनियापार में एक, बम्होड़ी में एक, बींझावाड़ा में एक, गोपालगंज में एक, बोरदई में एक। बरघाट ब्लॉक अंतर्गत आमागढ़ में एक, टिकारी में एक मानेगांव खुद में एक डेेंगू का संक्रमित मरीज पाया गया है।
बरसात के दिनों की शुरुआत के साथ ही सिवनी जिले में डेंगू और मलेरिया के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। डेंगू, मलेरिया जैसी संक्रामक बीमारी की रोकथाम के लिए लार्वा विनिष्टीकरण के साथ ही पडो़सी जिलो से आने वाले लोगों पर भी नजर रखी जा रही है।
बाहरी लोग बन सकते हैं संक्रमण का कारण-
जिले में डेंगू, मलेरिया के मामले बढऩे के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के मलेरिया अमले ने ग्रामीण क्षेत्र में आशा कार्यकर्ताओं व स्थानीय स्वास्थ्य अमले को बाहर से आने वाले लोगों पर नजर बनाए रखने कहा है। खास तौर पर बरघाट क्षेत्र के गांवों व बालाघाट जिले की सीमा से लगे गांवों में अमले को सतर्क कर किया गया है। यहां बाहर से आने वाले ग्रामीणों की जानकारी एकत्रित की जा रही है। मलेरिया अधिकारी के मुताबिक बाहर से आने वाले लोग यदि मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया बीमारी से ग्रसित होंगे तो जिले में भी यह बीमारी पैर पसार सकती है। पड़ोसी जिलों व महानगरों से यदि कोई डेंगू व मलेरिया से संक्रमित मरीज जिले में आता है तो वह अन्य लोगों को भी इस बीमारी से ग्रसित कर सकता है। ऐसे व्यक्तियों को यदि सामान्य मच्छर काटता है और वही मच्छर दूसरे स्वास्थ्य व्यक्तियों को काट लेता है तो स्वस्थ व्यक्ति भी संक्रमण का शिकार हो सकता है। जिले में वर्तमान में डेंगू, मलेरिया के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। मलेरिया विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब तक डेंगू के 25, मलेरिया के 15 मरीज मिल चुके हैं।
संक्रमण से सुरक्षा के लिए बरतें सावधानी-
लोग अपने आसपास का क्षेत्र साफ -सुथरा रखेंगे तो डेंगू, मलेरिया के संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। मलेरिया के मच्छर लंबे समय से जमा पानी में पनपते हैं। इसलिए लोगों को खासकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को आसपास पानी का जमाव नहीं होने देना चाहिए। जमे हुए पानी को निकाल देना चाहिए। घर में टूटे गमले, टायर, कूलर आदि में यदि पानी भरा हुआ है, तो उसे हटा देना चाहिए। लेवेंडर तेल को साइट्रोनला और नीलगिरी के तेलों के साथ मिलाकर स्प्रे करना चाहिए। इसके लिक्विड को रिफिल में डालकर भी उपयोग कर सकते हैं। साथ ही बुखार के साथ ठंड लगने, शरीर में जकडऩ, जोड़ों में दर्द होने पर तत्काल डेंगू, मलेरिया की जांच करानी चाहिए।
इनका कहना है –
जिले में 25 डेंगू, 15 मलेरिया के मरीज पाए गए हैं। सभी जगह सर्वे, जांच चल रही है। लोगों को जरूरी उपचार दिया जा रहा है। जहां भी जल भराव एक सप्ताह से अधिक होता है, उन जगहों पर मच्छर पनपते हैं। इसलिए अपने घरों के आसपास जल भराव न होने दें। यदि बीमारी के लक्षण हैं, तो तत्काल जांच कराकर उचित उपचार लेना चाहिए।
रामजी भलावी जिला मलेरिया अधिकारी सिवनी