इस संबंध में मीडिया द्वारा जब सिविल सर्जन से सवाल किया गया तो उन्होंने सुरक्षाकर्मियों का बचाव करते हुए कहा कि, उन्होंने महिला गार्ड के साथ बदसुलूकी की थी, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि, छेड़छाड़ हुई भी तो उसके लिए पुलिस में शिकायत की जानी थी या खुद ही मारपीट करना उचित था ? दूसरा सवाल ये भी कि, महिला गार्ड से छेड़छाड़ मरीज और उसके साथ मौजूद महिला परिजन ने भी की थी ? क्योंकि, सामने आए वीडियो के अनुसार, महिला भी पिटाई का शिकार होती दिख रही है।
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इलाज के लिए मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचे थे परिजन
जानकारी के अनुसार, हमेशा से अव्यवस्थाओं के लिए चर्चा में रहने वाले सीहोर जिला अस्पताल का नाम अब एक नए विवाद से भी जुड़ गया है। अपनी सेहत में सुधार लाने के लिए यहां आने वाले मरीज तो मरीज उनके परिजन भी अब यहां सुरक्षित नहीं हैं। मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो के जरिए चर्चा में आया। बताया जा रहा है कि, शनिवार की सुबह मरीज के इलाज के लिए परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे थे, जहां अस्पताल में तैनात सुरक्षा गार्डों ने मरीज और परिजन के साथ बेरहमी से पिटाई कर दी।
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पिटने वाले मरीज और परिजन पर केस दर्ज कराएंगे सिविल सर्जन
इस संबंध में जिला चिकित्सालय ट्रॉमा सेंटर के सिविल सर्जन डॉ प्रवीर गुप्ता का कहना है कि, घटना के समय वो राउंड पर थे। उन्हें अस्पताल के स्टाफ से जानकारी मिली कि, मरीज और परिजन अस्पताल आए थे, उन्होंने एक महिला सुरक्षाकर्मी के साथ अभद्र व्यवहार किया है। उन्होंने ये भी कहा कि, इस मामले में अब मरीज और उसके परिजन के खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज कराएंगे। हालांकि, वीडियो में मारपीट करते दिख रहे सुरक्षा गार्डों के संबंध में मीडिया द्वारा सिविल सर्जन से सवाल किया गया तो उन्होंने इसपर गोलमोल प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, ‘ऐसा तो कुछ नहीं हुआ।’