बता दें कि, सीहोर में रहने वाले भागीरथ जाटव की बोलेरो चोरी हो गई थी, जिसकी शिकायत उन्होंने श्यामपुर थाने में की थी। थाना प्रभारी और उनकी टीम ने रिपोर्ट नहीं दर्ज कर जाटव को ये कहकर धमकाया था कि, झूठा मामला दर्ज करा रहे हो। जाटव का आरोप है कि, इस दौरान पुलिसकर्मियों ने उनके साथ मारपीट भी की थी। साथ ही, 50 हजार रुपये की मांग भी की गई थी।
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पीड़ित ने लगाई गुहार
जानकारी के अनुसार भगीरथ जाटव निवासी श्यामपुर जिला सीहोर द्वारा पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त भोपाल को 24 मई 2022 को इस संबंध में लिखित शिकायत की थी। पीड़ित का कहना था कि, वो बोलेरो वाहन की चोरी की रिपोर्ट थाना श्यामपुर में दर्ज कराने गया। इसपर थाना प्रभारी उप निरीक्षक अर्जुन जायसवाल ने आवेदक को ही थाने में बैठा लिया और उसके साथ मारपीट की। साथ ही कहा कि, आवेदक गांजा बेचता है, जिसकी गाड़ी ओडिशा में पकड़ी गई थी, जिसकी झूठी रिपोर्ट वो अब थाने में लिखा रहा है। इसके बाद थाना प्रभारी अर्जुन जायसवाल ने आवेदक से 50 हजार रुपए की मांग की। यही नहीं उन्होंने धमकी दी कि, अगर रुपए नहीं दिए तो वो फरियादी को धोखाधड़ी के केस में फंसा देगा।
लोकायुक्त ने लिया एक्शन
मामला सामने आने के बाद लोकायुक्त टीम की ओर से की गई जांच में शिकायत सही पाई गई। इसके बाद धारा 7 पीसी एक्ट का प्रकरण पंजीबद्व कर पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त के निर्देशन में 27 मई की रात्रि लगभग 11.30 बजे आवेदक से 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए थाना प्रभारी उप निरीक्षक अर्जुन जायसवाल और नगर सैनिक अजय मेवाड़ा को थाना श्यामपुर में रंगेहाथ दबोच लिया।
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कई दिनों से भटक रहा था फरियादी
थाना प्रभारी ने प्रकरण दर्ज करने के ऐवज में 50 हजार रुपए की मांग की थी। कई दिनों तक भटकने के बाद जब बोलेरो चोरी होने की एफआइआर दर्ज नहीं हुई तो भागीरथ जाटव ने इसकी शिकायत लोकायुक्त में की। पुलिस ने जाल बिछाकर आरोपी थाना प्रभारी जायसवाल थाने में बैठे थे। पीछे होमगार्ड सैनिकों का बैरक है। होमगार्ड सैनिक अजय मेवाड़ा उस समय बैरक में मौजूद थे। जायसवाल ने जाटव से मुलाकात की तो उन्होंने राशि अजय मेवाड़ा को रखवाने को कहा। मेवाड़ा ने राशि रखवा ली और थोड़ी देर बाद नोट उठाकर अपने पास रख लिए। तब तक थाना प्रभारी और मेवाड़ा आपस में मिल गए। उसी दौरान लोकायुक्त की टीम गई और दोनों को रिश्वत लेते पकड़ लिया। जांच एजेंसी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है।
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